थोक मुद्रास्फीति अप्रैल में बढ़कर 15.08 प्रतिशत के रिकॉर्ड स्तर पर

थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में बढ़कर 15.08 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गई। यह तेजी खाद्य वस्तुओं से लेकर जिंसों तक के महंगा होने की वजह से हुई।

थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मार्च में 14.55 प्रतिशत और पिछले साल अप्रैल में 10.74 फीसदी थी।

माना जा रहा है कि मुद्रास्फीति बढ़ने के कारण रिजर्व बैंक अगले महीने नीति समीक्षा बैठक में ब्याज दरों को बढ़ाने का फैसला कर सकता है।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘अप्रैल, 2022 में मुद्रास्फीति की ऊंची दर मुख्य रूप से खनिज तेलों, मूल धातुओं, कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस, खाद्य वस्तुओं, गैर-खाद्य वस्तुओं, खाद्य उत्पादों, रसायनों और रासायनिक उत्पादों आदि की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण हुई।’’

डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति पिछले साल अप्रैल से लगातार 13वें महीने दो अंक में बनी हुई है।