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वैक्सीन के कॉकटेल को क्यों मना कर रहे हैं विशेषज्ञ

भारत में कोरोना से रोकथाम के लिए टीकाकरण की प्रक्रिया तेजी से बढ़ रही है। फिलहाल देश भर में 18 से अधिक के तमाम व्यस्कों को टीका दिया जा रहा है। भारत में कई राज्यों में इस दौरान टीके की किल्लत भी देखी जा रही है। देश की राजधानी दिल्ली समेत तमाम राज्यों में टीके की कमी नज़र आ रही है।

रूसी वैक्‍सीन स्‍पूतनिक-वी भारत में आ चुकी है और जल्‍द ही बाजार में इसकी आमद भी शुरू हो जाएगी। इसके अलावा आने वाले कुछ समय में भारत में दूसरी वैक्‍सीन भी आ सकती हैं। इससे न सिर्फ वैक्‍सीन की उपलब्‍धता बढ़ जाएगी बल्कि लोगों के पास वैक्‍सीन लगवाने को लेकर विकल्‍प भी मौजूद हो जाएंगे। अब वैक्‍सीनेशन के लिए ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन करते समय स्‍पूतनिक-वी का विकल्‍प भी दिखाई देने लगा है। ऐसे में लोगों के मन में एक सवाल ये भी उठ रहा है कि क्‍या दो अलग-अलग वैक्‍सीन की डोज ली जा सकती हैं। क्‍या ये लेना सही होगा।

इन सवालों का जवाब सफदरजंग अस्‍पताल के कम्‍यूनिटी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉक्‍टर जुगल किशोर के पास है। उनके मुताबिक सभी वैक्‍सीन का फार्मूला अलग है। इसलिए व्‍यक्ति को उसी वैक्‍सीन की दूसरी डोज लेनी चाहिए जिसकी उसने पहली डोज ली है। हालांकि रूस की स्‍पूतनिक-वी वैक्‍सीन उसी फार्मूले पर बनी है जिसके तहत भारत की स्‍वदेशी वैक्‍सीन कोवैक्‍सीन तैयार की गई हैं। इसके बाद भी इस तरह वैक्‍सीन की कॉकटेल डोज से बचने की जरूरत है।