ममता के लिए क्यों जरूरी है पांचवे चरण का मतदान
बंगाल में चार चरणों पर चुनाव हो चुके हैं और चार चरणों पर मतदान होना बाकी है। मतलब कि प्रदेश में लगभग आधे लोगों ने अपना फैसला कर लिया है, वहीं आधे लोगों को फैसला करना है कि वे किसके पक्ष में अपना मत देना चाहते हैं। राज्य की 294 में से 135 सीटों पर वोटरों ने अपना फैसला कर लिया है और बाकी बचीं 159 सीटों पर 17 से 29 अप्रैल के बीच चुनाव होने हैं। शनिवार को राज्य में पांचवें चरण का चुनाव है। हालांकि, यह चरण ममता बनर्जी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शायद यही वजह है कि ममता ने चुनाव आयोग की ओर से लगाए 24 घंटे का बैन खत्म होते ही रात में रैली की और वह पीएम मोदी पर हमलावर दिखीं।
ममता के लिए बहुत जरूरी है पांचवे चरण का मतदान-
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए पांचवे चरण का मतदान बहुत जरूरी है। इस चरण में सबसे अधिक 45 सीटों पर मतदान होना है इस चरण में सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव हो रहा है। दूसरा, जिन 45 सीटों पर पांचवें चरण में मतदान होना है वहां 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को टीएमसी की तुलना में अधिक वोट मिले थे। इन सीटों के वोट मिला दिए जाएं तो बीजेपी ने जहां 45 प्रतिशत मतदान हासिल किया था तो वहीं टीएमसी को 41.5 प्रतिशत वोट मिले थे। हालांकि, टीएमसी को यहां से 23 सीटों पर जीत मिली थी जबकि बीजेपी को 22।
साल 2016 में भी टीएमसी ने इनमें से 32 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि साल 2011 में टीएमसी को इससे पांच सीटें कम मिलीं थी। वहीं, बीजेपी को एक भी सीट नसीब नहीं हुई थी और कांग्रेस-लेफ्ट ने मिलाकर 10 सीटें जीती थीं।
ऐसे में अगर टीएमसी को इन 45 सीटों पर सफलता नहीं मिलती है तो यह उसकी प्रतिष्ठा पर सवाल उठने जैसा हो सकता है।