दादी-नानी खाने से पहले आम को पानी भिगोने को क्यों कहती थीं, जानें इसके पीछे का विज्ञान
गर्मी का मौसम यानि फलों के राजा, आम का मौसम। एक तरफ धूप, पसीना और गर्म हवाओं के बारे में सोचकर मन थोड़ा परेशान होता है, तो वहीं दूसरी तरफ आम के मीठे स्वाद के बारे में सोच कर मन खुश भी हो जाता है।
आम का मौसम आते ही लोग इसके अचार, आमरस, मैंगो शेक सहित कई तरह की रेसिपी बनाने की तैयारी में जुट जाते हैं। लेकिन क्या आपने गौर किया है कि आमतौर पर घरों में हमारी दादी-नानी आम खाने से पहले इसे एक-दो घंटे के लिए पानी में भिगोकर जरूर रखती थीं!
उनका मानना था कि ऐसा करने से आम में लगी गंदगी और फसल में इस्तेमाल किए गए केमिकल, दोनों साफ हो जाते हैं। आम को पानी में भिगोकर रखने के पीछे यह तो एक कारण है। आईए विस्तार से जानें ऐसा करने के पीछे और कारणों के बारे में!
फाइटिक एसिड से छुटकारा
फाइटिक एसिड उन पोषक तत्वों में से है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा और बुरा दोनों हो सकता है। इसे एक एंटी पोषक तत्व माना जाता है, जो शरीर को आयरन, जिंक, कैल्शियम और अन्य मिनरल्स को अवशोषित करने से रोकता है, जिसकी वजह से शरीर में मिनरल्स की कमी होने लगती है।
न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार, आम में फाइटिक एसिड नाम का एक प्राकृतिक मॉलिक्युल होता है, जो कई फलों, सब्जियों और नट्स में भी पाया जाता है। फाइटिक एसिड शरीर में गर्मी पैदा करता है। जब आम को कुछ घंटों के लिए पानी में भिगोया जाता है, तो इससे फाइटिक एसिड को हटाने में मदद मिलती है।
केमिकल से बचाव
फसल को बचाने के लिए कई तरह से कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाता है। ये कीटनाशक जहरीले होते हैं और शरीर में जलन, एलर्जी, सिरदर्द जैसी कई परेशानियां पैदा कर सकते हैं।
फलों को खाने से पहले, पानी में भिगोकर रखने से इन परेशानियों से बचा जा सकता है। इसके अलावा, ऐसा करने से इसके तने पर लगा दूधिया रस हट जाता है जिसमें फाइटिक एसिड होता है।
आम को भिगाकर खाने से फैट बर्न में मिलती है मदद
आम में ढेर सारे फाइटोकेमिकल्स होते हैं। उन्हें पानी में भिगोने से उनकी कॉन्संट्रेशन कम हो जाती है, जिससे वे ‘नैचुरल फैट बस्टर’ की तरह काम करते हैं।