NewsExpress

News Express - Crisp Short Quick News
महिला सशक्तिकरण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है: राष्ट्रपति कोविंद

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने महिला सशक्तिकरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर और समान भागीदारी प्रदान करने के लिए की गई विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला।

अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने में महिलाएं तेजी से महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभा रही हैं। 2021-22 में बैंकों ने 28 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों को 65,000 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद दी है। यह 2014-15 में बढ़ाई गई राशि का चार गुना है।

सरकार ने महिला स्वयं सहायता समूहों के हजारों सदस्यों को प्रशिक्षण दिया और उन्हें “बैंकिंग सखी” के रूप में भागीदार भी बनाया है। ग्रामीण परिवारों तक ये महिलाएं घर द्वार जाकर बैंकिंग सेवाएं पहुंचा रही हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि महिला सशक्तिकरण मेरी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। हम सभी उज्ज्वला योजना की सफलता के साक्षी हैं। “मुद्रा” योजना के माध्यम से हमारे देश की माताओं व बहनों की उद्यमिता और कौशल को बढ़ावा दिया गया है।

“बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” पहल के कई सकारात्मक परिणाम मिले हैं और स्कूलों में नामांकित लड़कियों की संख्या में उत्साहजनक सुधार हुआ है। मेरी सरकार ने बेटे-बेटियों को बराबर मानते हुए पुरुषों के बराबर महिलाओं की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने के लिए विधेयक भी पेश किया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाकर समाज को इस मनमानी प्रथा से मुक्त कराने की शुरुआत की है। मुस्लिम महिलाओं के केवल मेहरम के साथ हज करने पर लगे प्रतिबंध को भी हटा दिया गया है। 2014 से पहले अल्पसंख्यक समुदायों के लगभग तीन करोड़ छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई थी जबकि मेरी सरकार ने 2014 से अब तक ऐसे 4.5 करोड़ छात्रों को छात्रवृत्ति दी है। इससे मुस्लिम लड़कियों के स्कूल छोड़ने की दर में उल्लेखनीय कमी आई है और उनके नामांकन में वृद्धि हुई है।

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि हमारी बेटियों में सीखने की क्षमता को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में जेंडर समावेशी कोष (जेंडर इनक्लूजन फंड) का भी प्रावधान किया गया है। यह खुशी की बात है कि सभी मौजूदा 33 सैनिक स्कूलों में छात्राओं का दाखिला शुरू हो गया है।

सरकार ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में महिला कैडेट्स के प्रवेश को भी मंजूरी दे दी है। महिला कैडेट्स का पहला जत्था जून 2022 में एनडीए में प्रवेश करेगा। मेरी सरकार के नीतिगत फैसलों और प्रोत्साहन से विभिन्न पुलिस बलों में महिला कर्मियों की संख्या 2014 की तुलना में दोगुनी से अधिक हो गई है।