‘मास्क’ नहीं लगाने के सवाल पर यूपी, बिहार के विधायकों के बहाने सुनकर हंसी नहीं रोक पाएंगे आप
कोरोना अभी ख़त्म नहीं हुआ है, कई राज्यों में कोरोना के दूसरे लहर ने दस्तक दे दी है। महाराष्ट्र, केरला और असम सहित कई राज्यों में कोरोना संक्रमितों की संख्या एक बार फिर से बढ़ती जा रही है। केंद्र और राज्य सरकार लोगों से मास्क लगाने और दुरी बरतने का निवेदन कर रही है। ऐसे में जनप्रतिनिधियों का दायित्व बढ़ जाता है कि वे नियमों का पालन करे और लोगों से भी ऐसा करने की अपील करे।
बिहार, उत्तर प्रदेश के कई विधायकों ने विधानसभा में प्रवेश करने के बाद मास्क नहीं लगाया था। एक निजी चैनल के रिपोर्टर ने जब उनसे इसका कारण पूछा तो विधायकों के पास बहानों की एक लम्बी लिस्ट थी। बहाने भी ऐसे कि स्कूल के बच्चे भी इनके आगे फेल।
कई माननीय गाड़ी से उतरे और बिना ‘मास्क’ पहने सदन में घुस गए, जैसे ये विधानसभा न होकर इनका निजी बेडरूम हो। जब इनसे सवाल पूछा गया कि ‘आपने मास्क क्यों नहीं लगाया है’ तो इन्होने गज़ब – गज़ब के तर्क देने शुरू किए। एक विधायक ने कहा कि वे तुरंत ही गाड़ी से उतरे हैं और गाड़ी में वो मास्क इसलिए नहीं लगाते हैं, क्योंकि उन्हें डॉक्टर ने इन्हें मास्क लगाने से मना किया है। एक विधायक जी ने तो हद ही कर दी, उन्होंने कहा कि बिहार में तो कोरोना कभी था ही नहीं और उन्हें कोई बिमारी नहीं है, तो उन्हें कोरोना कैसे हो सकता है। एक विधायक जी अपने को किसान परिवार का बताने लगे, कहा कि मुझे कोरोना नहीं होगा मैं किसान परिवार से हूँ। जैसे कोरोना न हुआ केंद्र सरकार हो गई; जो किसानों को छोड़कर बाकी सबके बारे में सोचती है। इन सबमे विधायक से तनिक भी पीछे विधायिका जी नहीं रही। उन्होंने कहा ‘अरे हम तो अभी गाड़ी से उतरे ही हैं, अभी तुरंत लगा लेंगे’ कई सारे विधायक तो ऐसे मिले जिन्होंने मास्क को जेब में पर्स की तरह रख लिया था। एक विधायक जी सबसे आगे निकले उन्होंने कहा कि मैंने तो टिका लगा लिया है, मुझे कैसे कोरोना होगा।
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इन सबके लिए तो हमारे पास एक ही शब्द है। शाबाश! बाकी आप लोग मास्क पहने रहिए, नाके पर पकड़ लिए जाइएगा और चालान काट दिया जाएगा। चालान तो इन माननीय लोगों का भी काटना चाहिए। लेकिन, काटेगा कौन? क्योंकि काटने का काम तो इनका है। सदन में ऐसे ही थोड़ी पहुँच गए है, आपका काटकर ही पहुंचे हैं न।