युवा उधमियो ने भारत में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए रोडमैप पर चर्चा की
जी-20 के अन्तर्गत युवा-20 की कार्यशाला का आयोजन
डिजिटलीकरण से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों और अवसरों को समझने के लिए विकास अध्ययन संस्थान जयपुर, भारत सरकार के युवा मामले और खेल मंत्रालय और विकासशील देशों के लिए अनुसंधान और सूचना प्रणाली के संयुक्त तत्वाधान में आज एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। ये कार्यशाला वाई20 के लिए आयोजित की गयी जो की जी20 के अंतर्गत एक समूह है। कार्याशाला में दो विषयों उद्योग 4.0, नवाचार एंव उद्यमिता और ‘हस्तशिल्प क्षेत्र में नवाचार पर इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किए गए ।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज के अध्यक्ष डॉ. अरविंद मायाराम ने कहा, “भारत की जी-20 की अध्यक्षता वर्तमान वैश्विक चुनौतियों का सामना करने और सतत विकास को बढ़ावा देने का एक बेहतर अवसर है। डॉ मायाराम ने कहा कि प्रौद्योगिकी तेजी से विकास के प्रतिमान बदल रही है और इसके लिए शिक्षा व्यवस्था मे आज की आवश्यकतानुसार परिवर्तन करने की जरुरत है। साथ ही नए कौशल विकास की जरुरत है।
इस अवसर पर डॉ. पंकज वशिष्ठ, एसोसिएट प्रोफेसर, आरआईएस, नई दिल्ली ने प्रतिभागियों को भारत के जी 20 की अध्यक्षता के संदर्भ में यूथ 20 एंगेजमेंट ग्रुप के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘युवा-20 भागीदारी समूह जी-20 के समग्र ढांचे के तहत युवा आबादी की ऊर्जा और नवोन्मेषी विचारों को प्रसारित करने के तरीकों की पर विचार-विमर्श कर रहा है ताकि विकास के उच्चतम पैमानें हासिल किया जा सके।
‘उद्योग 4.0, नवाचार और उद्यमिता’ विषय पर सत्र की अध्यक्षता करते हुए, डॉ. राकेश बसंत, प्रोफेसर, भारतीय प्रबंधन संस्थान इलाहाबाद ने बताया कि अनुसंधान एवं विकास में बेहतर परिणामों के लिये सार्वजनिक निजी भागीदारी आवश्यक है। उन्होने कहा कि नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिए विश्वविद्यालयों में इनक्यूबेशन केंद्रों को स्थापित करना चाहिए। हैलो इंग्लिश के सह-संस्थापक निशांत ने सुझाव दिया कि सरकार को इस संबंध में स्टार्ट-अप की सहायता के लिए एक हेल्पलाइन शुरू करने पर विचार करना चाहिए। सेंटर फॉर इनोवेशन, इनक्यूबेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप के सीईओ चिंतन बख्शी ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि स्टार्ट-अप को बढावा देने के लिए विशेषज्ञो का भी सहयोग लेना चाहिए। सीआईआईई की उपाध्यक्ष (कार्यक्रम) सुश्री पल्लवी टाक ने इस सत्र की अध्यक्षता करते हुए हस्तशिल्प क्षेत्र में नवाचारों को बढ़ावा देने पर जोर दिया।