केंद्र-राज्यों के बीच सहमति, आतंकवाद सहित किन अपराधों पर कसेंगे लगाम
हरियाणा के सूरजकुंड में चल रहे गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच कई बिंदुओं पर सहमति बनी है. इनमें बिहार और झारखंड को नक्सल मुक्त करना, आंतरिक सुरक्षा पर साथ काम करना, साइबर क्राइम, आतंकवाद, नशे का कारोबार करने वाले और अन्य अपराधों में लिप्त अपराधियों को सजा दिलवाना, फॉरेंसिक जांच शामिल हैं. चिंतिन शिविर में कहा गया कि 2047 की योजना के तहत केंद्र और राज्य सहयोगात्मक रवैया अपनाकर साथ काम करें. चिंतन शिवर में यह बात भी निकलकर आई कि उत्तर पूर्व में पिछले 8 साल में 9200 सशस्त्र आंदोलनकारियों ने सरेंडर किया.
गौरतलब है कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार दोपहर इस चिंतन शिविर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया. उन्होंने ‘एक राष्ट्र, एक वर्दी’ का विचार प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि यह उनकी तरफ से एक विचार मात्र है. वह इसे राज्यों पर थोपने का प्रयास नहीं कर रहे हैं. पीएम मोदी ने अपराध और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए राज्यों के बीच निकट सहयोग की वकालत की. उन्होंने कहा कि सहकारी संघवाद ना सिर्फ संविधान की भावना है बल्कि यह केंद्र और राज्यों की जिम्मेदारी भी है.
उन्होंने सभी राज्य सरकारों से पुराने कानूनों की समीक्षा करने और आज के संदर्भ में उनमें सुधार करने का आग्रह किया. उन्होंने कानून-व्यवस्था और सुरक्षा की उभरती चुनौतियों के समाधान के लिए सभी एजेंसियों के बीच समन्वित कार्रवाई की भी गुजारिश की. मोदी ने कहा कि पुलिस के बारे में अच्छी धारणा बनाए रखना ‘बहुत महत्वपूर्ण’ है और इस राह में जो खामियां विद्यमान हैं, उन्हें दूर किया जाना चाहिए. पीएम ने कहा कि यद्यपि संविधान के हिसाब से कानून-व्यवस्था राज्यों का विषय है लेकिन यह देश की एकता और अखंडता से भी उतना ही जुड़ा हुआ है.