अंकिता हत्याकांड : भाजपा ने पिता-पुत्रों को पार्टी से निकाला, पुलकित के बड़े भाई अंकित ओबीसी आयोग उपाध्यक्ष से निष्कासित
अंकिता भंडारी हत्याकांड में आरोपित पुलकित आर्य के बड़े भाई, अंकित आर्य को उत्तराखंड सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग उपाध्यक्ष पद से हटा दिया है। समाज कल्याण विभाग की ओर से संबंधित आदेश जारी कर दिए गए हैं। साथ ही उन्हें अंकित और उनके पिता को भाजपा से निकाल दिया गया है।
Ankita Bhandari murder case | Ankit Arya, the brother of main accused Pulkit Arya and son of BJP leader Vinod Arya, relieved by the Uttarakhand government from the post of Deputy Chairman of the Uttarakhand Other Backward Classes Commission. pic.twitter.com/vZwXHywVNK
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 24, 2022
पुलकित आर्य के इस जघन्य वारदात में शामिल होने की घटना सामने आने के बाद, हरिद्वार निवासी उसके परिवार का सियासी दखल चर्चाओं में आ गया था। पुलकित के पिता विनोद आर्य, पूर्व में दर्जाधारी रह चुके हैं, जबकि उसका बड़ा भाई अंकित ओबीसी आयोग में उपाध्यक्ष था।
अंकित की नियुक्ति इसी साल चुनाव आचार संहिता लगने से ठीक एक दिन पहले सात जनवरी को गई थी। लेकिन इस मामले में पुलकित आर्य की भूमिका सामने आने के बाद सरकार और संगठन पर कार्यवाही का दबाव बढ़ गया था। इसी क्रम में सरकार ने अंकित आर्य को तत्काल प्रभाव से पद मुक्त कर दिया है। इसी के साथ भाजपा ने भी अंकित आर्य और विनोद आर्य को पार्टी से निकाल दिया है।
एम्स ऋषिकेश में अंकिता का पोस्टमार्टम किया गया। एम्स के बाहर भारी संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्रित थे। एम्स पहुंची भाजपा विधायक रेनू बिष्ट को प्रदर्शनकारियों के विरोध का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और गाड़ी के शीशे तोड़ डाले। पुलिस ने बमुश्किल प्रदर्शनकारियों के बीच में से विधायक बिष्ट को निकाला।