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“2024 से पहले मदरसों पर हमले बढ़े”, मदरसे पर बुलडोजर चलने के बाद बिफड़ा विपक्ष

बुधवार को असम से एक मदरसे को बुलडोजर से तोड़ने की एक तस्वीर सामने आई थी। इसके बाद राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। विपक्ष ने इसे मुसलमानों को डराने की साजिश बताया है। हालांकि, असम सरकार के द्वारा यह तीसरी मदरसे को तोड़ा गया है। यह करवाई अल कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम से संबंधित 37 लोगों के गिरफ्तारी के बाद किया जा रहा है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में और भी मदरसे पर करवाई हो सकती है।

AIUDF के अध्यक्ष मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने इस करवाई को 2024 से जोड़ दिया है। उन्होंने कहा है कि “2024 के चुनाव से पहले मुसलमानों और मदरसों पर हमले बढ़े हैं। भाजपा को 2024 में सत्ता बनाए रखने के लिए मुस्लिम वोटों की जरूरत है। मुसलमानों पर उनके द्वारा हमले बढ़ रहे हैं और इसलिए डरे हुए मुसलमान उन्हें वोट देंगे।” बदरुद्दीन अजमल ने मुख्यमंत्री हेमंता पर निशाना साधते हुए कहा कि असम में योगी मॉडल लागू नहीं हो सकता है।

वहीं असम के मुख्यमंत्री हेमंता बिस्वा सरमा ने मदरसा पर हो रही करवाई पर व्यक्तव्य दिया है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “असम सरकार का मदरसा तोड़ने का इरादा नहीं है। हमारा इरादा मदरसों में होने वाली जिहादी गतिविधियों को खत्म करना है। अगर मदरसों में जिहादी गतिविधियां नहीं होती हैं तो हम मदरसा क्यों तोड़ेंगे लेकिन हमें ऐसी किसी गतिविधी का पता चलेगा तो हम उसपर कार्रवाई करेंगे।”

बता दें, बुधवार को असम के बोंगईगांव जिले में स्थित मरकजुल मा-आरिफ कुरियाना मदरसा को ढहा दिया गया। इससे पहले सोमवार को बरपेटा जिले में एक मदरसे को ढहाया गया था। असम पुलिस ने मार्च से अबतक कुल 5 आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। इसी महीने मुख्यमंत्री हेमंता बिस्वा सरमा ने कहा था कि राज्य इस्लामिक कट्टरपंथी का गढ़ बनता जा रहा है। गौरतलब है कि, हेमंता पहले से भी इस्लामिक कट्टरपंथियों के खिलाफ अभियान चलाते आ रहे हैं।