EWS आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट को बड़ा फैसला, लागू रहेगा EWS आरक्षण, कोर्ट ने 3:2 से दिया फैसला

केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने EWS आरक्षण पर बड़ी राहत दी है। केंद्र सरकार ने साल 2019 में आर्थिक आधार पर आरक्षण देने वाले बिल को संसद से पास करवाया था। इसके बाद 40 से अधिक संख्या में याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर किया गया था। अब पाँच जजों के संवैधानिक बेंच ने 3-2 से सरकार के इस फैसले को सही माना है और सभी याचिका को खारिज कर दिया है। जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पादरिवाला ने इसे संविधान के मूल भावना का उल्लंघन नहीं माना है जबकि सीजेआई यूयू ललित और जस्टिस रविन्द्र भट ने इसके खिलाफ फैसला दिया है। यानी अब आर्थिक आधार पर पिछड़े लोगों को 10% आरक्षण दिया जाएगा।

याचिकाकर्ता के वकील वरुण ठाकुर ने इस फैसले के संबंध में जानकारी देते हुए कहा, “संविधान के 103वें संशोधन अधिनियम 2019 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका दायर की गई थी क्योंकि इसमें एससी, एसटी, ओबीसी को बाहर रखा गया था। आज दिया गया निर्णय एक नई शुरुआत का प्रतीक है। 3:2 बेंच के बहुमत ने हमारे विचार को बरकरार रखा। हमारे मुवक्किल अब कानूनी सलाह लेंगे।”

भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताते हुए कहा, “आर्थिक रूप से पिछड़ों को मोदी सरकार द्वारा १० % आरक्षण को S Court द्वारा अपनी सहमति प्रदान करना एक एतिहासिक निर्णय है।लालू की RJD अकेली पार्टी थी जिसने संसद में इसका विरोध किया था।” साथ ही उन्होंने राजद नेता मनोज झा के द्वारा EWS Reservation पर विरोध जताने का आरोप लगाया है। उन्होंने एक फोटो शेयर करके लिखा, “राजद मनोज झा ने राज्यसभा में 10% ईडब्ल्यूएस आरक्षण का विरोध किया।”