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राजस्थान में बड़ी सियासी उठापटक, गहलोत और पालयट गुट के विधायकों का बैठक तेज़

राजस्थान में सियासी घटनाक्रम तेज़ी से बदलते नज़र आ रहे हैं। अशोक गहलोत गुट और सचिन पायलट गुट के विधायकों का बैठक लगातार जारी है। दरसअल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरा है और यह माना जा रहा है कि वही कांग्रेस के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे। इसी वजह से उन्हें राजस्थान के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा। अशोक गहलोत ये बिल्कुल नहीं चाहते की उनकी जगह सचिन पायलट राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री बने। राहुल गांधी ने साफ कहा था कि जिसे विधायक चाहेंगे, वहीं मुख्यमंत्री बनेगा। अब इस बयान के बाद अचानक से राजस्थान कांग्रेस में उथलपुथल शुरू हो गया है।

मीडिया ने जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अध्यक्ष पद को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, “जहां तक ​​कांग्रेस अध्यक्ष पद का सवाल है, मैं 50 साल से राजनीति में हूं और 40 साल से विभिन्न पदों पर रहा हूं, अब एक व्यक्ति को और क्या उम्मीद करनी चाहिए, अब नई पीढ़ी को मौका मिलना चाहिए ताकि हम मिलकर नेतृत्व प्रदान कर सकें।” हालांकि सचिन पायलट के सवाल पर अशोक गहलोत ने चुप्पी साध रखी है। वो लगातार यह बोलते दिख रहे हैं, की उन्हें जो जिम्मेदारी दी जाएगी, वो निभाएंगे। वहीं, गहलोत गुट के विधायकों के बैठक में सिर्फ 20 विधायक ही पहुँचे थे। कई विधायक बैठक से नदारद थे।

राज्य मंत्री और अशोक गहलोत के करीबी जीआर मेघवाल ने कहा है कि राजस्थान कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले पार्टी के कई विधायक और नेता राज्य मंत्री एस धारीवाल के आवास पर पहुंचे हमारी राय है कि अशोक गहलोत को सीएम बने रहना चाहिए। वह दोनों जिम्मेदारियों यानी पार्टी अध्यक्ष और सीएम पद को संभाल सकते हैं। वहीं सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे राजस्थान विधानसभा के कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए जयपुर पहुँचे है। उन्होंने कहा है कि मैं यहां विधायकों से मिलने के लिए हूं, और उनसे मिलने के बाद ही उनकी राय बता सकता हूं।

राजस्थान सरकार में मंत्री व अशोक गहलोत के करीबी सुभाष गर्ग ने कहा है कि कांग्रेस आलाकमान जो भी फैसला करेगा उसे हर कोई स्वीकार करेगा, लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि कैसे 2 साल पहले राज्य सरकार को गिराने के लिए बीजेपी के साथ गठबंधन में साजिश रची गई थी। उन्होने कहा, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को लूप में लिया जाना चाहिए ताकि हम 2023 में फिर से सरकार बना सकें। साथ ही उन्होंने सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए कहा यह खेदजनक है कि अनुशासन तोड़ने वाले कुछ लोगों को इस पद के लिए योग्य माना जाता है।