भाजपा ने नुसरत के साथ पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की तस्वीर साझा किया, हामिद अंसारी ने फिर दिया सफाई
पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पर पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्ज़ा के द्वारा किये गए टिप्पणी को लेकर सियासी संग्राम मचा हुआ है। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने एक तरफ आज प्रेस वार्ता करके एक फोटो साझा की है, जिसमें पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत और हामिद अंसारी एक ही मंच पर नज़र आ रहे हैं तो वही हामिद अंसारी ने एक बार फिर सफाई दी है। उन्होंने भाजपा के आरोप को नकार दिया है।
पूर्व उपराष्ट्रपति ने फिर दी सफाई
भाजपा प्रवक्ता के द्वारा लगाए आरोप के बाद फिर एकबार पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने सफाई दी है। उनकी ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि पूर्व उपराष्ट्रपति पुराने बयान पर कायम हैं कि वो किसी भी नुसरत मिर्जा नाम के किसी भी पाकिस्तानी पत्रकार को नहीं मानते हैं और न ही कभी आतंकवाद पर आयोजित कॉन्फ्रेंस में आमंत्रित किया है। बता दें, हामिद अंसारी ने दो दिन पहले भी भाजपा के आरोपों को खारिज किया था। उन्होंने कहा था कि सभी को पता है की उप राष्ट्रपति के कार्यक्रम में आने वाले विदेशी मेहमानों को सरकार की सलाह, ज्यादातर विदेश मंत्रालय की ओर से आमंत्रित किया जाता है।
भाजपा ने क्या लगाया आरोप?
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि “संवैधानिक पदों पर बैठे किसी व्यक्ति का कार्यक्रम होता है उसके प्रोटोकॉल के तहत उनका कार्यालय ये जानकारी लेता है कि उस कार्यक्रम में कौन-कौन शामिल होगा। ऐसे में क्या ये मानना सही नहीं होगा कि कांग्रेस चाहती थी कि पाकिस्तान का व्यक्ति भारत में घुसे और भारत की अखंडता को ठेस पहुंचाए?” उन्होंने आगे कहा कि अगर हामिद अंसारी चाहते तो वो कह सकते थे कि उस व्यक्ति को कांफ्रेंस में न बुलाया जाए। उसके साथ वे मंच साझा करने से मना कर सकते थे।
संवैधानिक पदों पर बैठे किसी व्यक्ति का कार्यक्रम होता है उसके प्रोटोकॉल के तहत उनका कार्यालय ये जानकारी लेता है कि उस कार्यक्रम में कौन-कौन शामिल होगा
ऐसे में क्या ये मानना सही नहीं होगा कि कांग्रेस चाहती थी कि पाकिस्तान का व्यक्ति भारत में घुसे और भारत की अखंडता को ठेस पहुंचाए? pic.twitter.com/td9PpKsJgw
— BJP (@BJP4India) July 15, 2022
कांग्रेस ने किया पलटवार
भाजपा के आरोप पर कांग्रेस ने पलटवार किया है। कांग्रेस के ओर से कहा कि भाजपा के द्वारा यह निम्न स्तर का दुष्प्रचार किया जा रहा है। पीएम और उनके पार्टी के सहयोगियों द्वारा सार्वजनिक संवाद का स्तर रसातल तक गिराने और अपने पेटेंटे ब्रांड के झूठ को विस्तारित करने के लिए हो रहे प्रयास शर्मनाक और स्तब्धकारी हैं। यह रवैया उनमें व्याप्त मानसिक बीमारी और सत्यनिष्ठा के दिवालियापन को भी दर्शाता है।