विजय लक्ष्मी बैंक और डीबीएस बैंक का हो जायेगा विलय, जानकारों के मुताबिक फायदे का सौदा
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को विजय लक्ष्मी बैंक और डीबीएस बैंक के विलय को मंजूरी दे दी। आरबीआई ने 17 नवंबर को ये प्रस्तावना रखी थी। विजय लक्ष्मी बैंक जहाँ 75 साल पुरानी बैंक है, वहीँ डीबीएस बैंक भारत में कदम रखने वाली नई – नवेली विदेशी बैंक है। केंद्रीय मंत्रिमंडल के इस फैसले का ऐलान रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने किया।
The Lakshmi Vilas Bank Ltd.: RBI announces Draft Scheme of Amalgamationhttps://t.co/DmqQHvCnZC
— ReserveBankOfIndia (@RBI) November 17, 2020
इससे पहले रिजर्व बैंक ने विजय लक्ष्मी बैंक के ऊपर मोरेटोरियम लागु करते हुए कहा था कि, विजय लक्ष्मी बैंक की वित्तीय हालात ख़राब है,इसको बचाने का यही एक तरीका है।
डीबीएस बैंक करेगा 2500 करोड़ का निवेश
रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंकिंग और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी के लिए लक्ष्मी विलास बैंक को पहले मोरेटोरियम में डालने और फिर डीबीएस बैंक के साथ विलय का फैसला लेना पड़ा। अब डीबीएस बैंक को विलय स्किम के तहत विजय लक्ष्मी बैंक में 2500 करोड़ रुपए की ताज़ा राशि इंवेस्ट करनी होगी।
क्या कह रहे हैं जानकर?
देश के कई आर्थिक जानकारों की माने तो ये फैसला दोनों पक्षों के लिए फायदे का होगा, जहां विजय लक्ष्मी बैंक की वित्तीय हालात में सुधार होगी वही डीबीएस बैंक की पकड़ भारतीय बाजार में मजबूत होगी और उसे कई खुदरे,छोटे और माध्यम श्रेणी के उपभोगता मिलेंगे।