छत्तीसगढ़ सरकार ने मीडियाकर्मियों को माना फ्रंटलाइन वर्कर्स, कोरोना से जान गंवाने वाले पत्रकारों के परिजन को वित्तीय सहायता देगी सरकार
उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के बाद अब छत्तीसगढ़ सरकार ने भी कोरोना काल में कार्यरत मीडियाकर्मियों को फ्रंटलाइन वर्कर्स माना है। उसने मीडियाकर्मियों को फ्रंटलाइन वर्कर्स मानते हुए कोविड-19 के चलते जान गंवाने वाले के उनके परिजनों को सहयोग करने का ऐलान किया है। छत्तीसगढ़ सरकार कोरोना काल में अपनी ड्यूटी करते हुए जान गंवाने वाले सभी पत्रकारों के परिजन को पांच लाख रुपये का वित्तीय सहयोग देने का ऐलान किया। साथ ही कोरोना होने के बाद अस्पताल में इलाज करवाने का खर्च भी राज्य सरकार देगी। इसकी जानकारी खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज सुबह ट्वीट करके दी।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ”कोरोना से दिवंगत हुए मीडिया कर्मी के आश्रित परिजनों को छत्तीसगढ़ सरकार पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी।”
उन्होंने आगे लिखा, ”साथ ही जिन मीडिया कर्मी ने कोविड से पीड़ित होने पर अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराया है, उनके इलाज में आये खर्च की प्रतिपूर्ति भी राज्य शासन करेगा।”
कोरोना से दिवंगत हुए मीडिया कर्मी के आश्रित परिजनों को छत्तीसगढ सरकार पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी।
साथ ही जिन मीडिया कर्मी ने कोविड से पीड़ित होने पर अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराया है, उनके इलाज में आये खर्च की प्रतिपूर्ति भी राज्य शासन करेगा।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) May 31, 2021
इससे पहले रविवार को मीडिया प्रतिनिधि कल्याण सहायता नियमों के तहत यह सहयोग राशि देने की बात राज्य सरकार की तरफ से एक विज्ञप्ति जारी कर दी गई थी।
राज्य सरकार द्वारा जारी प्रेस रिलीज़ में कहा गया कहा, ”कोविड-19 के कारण अस्पतालों में भर्ती मीडियाकर्मियों के उपचार का खर्च भी राज्य सरकार उठाएगी। जनसंपर्क निदेशालय कोविड-19 से प्रभावित मीडियाकर्मियों के परिवार के बारे में सूचना जुटा रहा है।” लाभार्थी लोगों को मानक प्रारूप में आवेदन को जमा अपने जिले के जनसंपर्क कार्यालयों में कराना होगा।
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