श्रीकृष्ण भूमि केस में न्यायालय का बड़ा फैसला, जानिए क्या है पूरा मामला?
ज्ञानवापी मामले के बाद अब मथुरा के श्रीकृष्ण भूमि केस में अदालत का बड़ा फैसला आया है। अदालत ने श्रीकृष्ण भूमि केस में लंबे समय से सर्वेक्षण की माँग पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने न्यायालय में याचिका दायर करके सर्वे की माँग की थी। याचिका में माँग की गई थी कि कृष्ण मंदिर के पास स्थित शाही ईदगाह मस्जिद में हिन्दू धर्म से जुड़े चिन्हों के सत्यापन के लिए आयुक्त की नियुक्ति की जाए।
शनिवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय चौधरी के अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई है। वादी दिनेश शर्मा के तरफ से अधिवक्ता देवकीनंदन शर्मा और दीपक शर्मा ने अपना पक्ष रखा। अधिवक्ताओं ने एजेंसी से कहा कि हमने अदालत के द्वारा नियुक्त आयुक्त के माध्यम से ईदगाह का सर्वेक्षण कराने पर जोर दिया था। इसी मुद्दे पर अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। जानकारी के अनुसार, वादी के तरह से अदालत के फैसले का इंतजार किया जाएगा। अगर फैसला पक्ष में आता है तो ठीक, नहीं तो इस फैसले के खिलाफ आगे अपील करेंगे।
बता दें, मथुरा विवाद भी काशी और अयोध्या के सामान ही है। हिन्दू पक्ष ने दावा किया है कि काशी और मथुरा में औरंगजेब ने मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण करवाया था। मथुरा का विवाद 13.37 एकड़ भूमि का मालिकाना हक का है। इसमें 10.9 एकड़ भूमि कृष्ण जन्मस्थान के पास और 2.5 एकड़ जमीन शाही ईदगाह मस्जिद के पास है। इस मामले में सर्वाजनिक रूप से चर्चा तब शुरू हुई जब पिछले साल अखिल भारतीय हिन्दू महासभा ने मस्जिद के अंदर भगवान श्रीकृष्ण के मूर्ति को स्थापित करके उसपे जलाभिषेक करने का एलान किया था। हालांकि प्रशासनिक सख्ती के कारण हिन्दू महासभा के मंसूबों पर पानी फेर गया।