ज्ञानवापी मामले में “कार्बन डेटिंग” पर फैसला टला, अगली सुनवाई 11 अक्टूबर को होगी
ज्ञानवापी मामले में जिला न्यायालय ने अगली सुनवाई की तारीख 11 अक्टूबर को दे दिया है। शुक्रवार को इस बात की सुनवाई हो रही थी कि जो पत्थर ज्ञानवापी परिसर में मिला था, वो शिवलिंग है या पत्थर? हिन्दू पक्ष की माँग है की एक कमिटी बनाकर इसकी वैज्ञानिक आधार पर जाँच किया जाए। वहीं मुस्लिम पक्ष इसके खिलाफ है और वो लगातार बोल रहे हैं कि ज्ञानवापी परिसर में मिला पत्थर फव्वारा है। बता दें, ज्ञानवापी परिसर के सर्वे में ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वजू स्थान पर एक पत्थर मिला था। हिन्दू पक्ष के अनुसार वो शिवलिंग है और मुस्लिम पक्ष के अनुसार वो फव्वारा है।
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जिला कोर्ट के फैसले से पहले हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा कि हमने कार्बन डेटिंग की मांग शिवलिंग के लिए नहीं की है। हमने मांग की है कि ASI की एक्सपर्ट कमेटी से इसकी जांच की जाए। यह शिवलिंग कितना पुराना है, यह शिवलिंग है या फव्वारा है। शिवलिंग के आसपास अगर कुछ कार्बन के पार्टिकल्स मिले तो उसकी जांच की जा सकती है, लेकिन हमारी मांग सिर्फ एक विशेषज्ञ कमेटी बनाकर इसकी जांच करने की है।
बता दें, अगस्त 2021 में 5 महिलाओं ने श्रृंगार गौरी में पूजन और विग्रहों की सुरक्षा को लेकर याचिका डाली थी। इस पर सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी का सर्वे कराने का आदेश दिया था। हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि सर्वे के दौरान शिवलिंग मिला। जबकि मुस्लिम पक्ष का दावा था कि ये एक फव्वारा है। इसके बाद हिंदू पक्ष ने विवादित स्थल को सील करने की मांग की थी। सेशन कोर्ट ने इसे सील करने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।