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क्या आप जानते हैं रेलवे अकेली महिला को पुरुषों के बीच क्यों नहीं देता सीट? ये है वजह

रेल में सफर पुरूष, महिला, बच्‍चे और बुजुर्ग हर शख्‍स करता है। रेल में महिलाऍं भी प्रतिदिन सफर करती है। दिन हो या रात 24 घंटे में ट्रेन में देश की कोई ना कोई महिला अवश्‍य सफर करती है। हमने भी कई बार ट्रेन में सफर करने के लिए टिकट की बुकिंग की है।

अक्‍सर ऐसा होता है, कि जब भी महिलाऍं ट्रेन की टिकट बुक करती है, तो उन्‍हें एक ऐसी जगह सीट मिलती है। जहॉं कोई ना कोई महिला अवश्‍य ही सफर करती है। इस बात को शायद आपने भी नोटिस किया होगा।

परन्‍तु क्‍या आपने सोचा है, कि ऐसे हमेशा कैसे होता है। कभी भी किसी महिला को पुरूषों के बीच मे सीट क्‍यूँ नहीं मिलती। या फिर ऐसी जगह जहॉं सिर्फ पुरूष हो वहां उन्‍हें सीट क्‍यूँ नहीं मिलती। अगर आपके मन में यह प्रश्‍न है, तो आज हम आपको ऐसी रोचक जानकारी बताने जा रहे है। जिसे जानने के बाद आपके इस प्रश्‍न का जबाव अवश्‍य ही मिल जायेगा। आइये आज जानते है, इंडियन रेलवे की एक रोचक जानकारी के विषय में।

इंडियन रेलवे में कभी भी अकेली महिला को सीट पुरूषों के बीच में नहीं दी जाती। आईआरटीसी के विषय में हम सभी जानते है। इसका पूरा नाम इंडियन रेल केटरिंग तथा टूरिज्‍म कॉरपोरेशन है। यह टिकट बुकिंग की सेवा प्रदान करता है।

ऑनलाइन टिकट बुकिंग में इसका ही उपयोग किया जाता है। आईआरटीसी यात्रियों की सेवा और केटरिंग का भी ख्‍याल रखता है। इसकी वेबसाइट का रखरखाव सीआरआईएस देखता है। सीआरआईएस का पूरा नाम सेंट्रल फॉर रेलवे इंर्फोमेशन सिस्‍टम है।

भारतीय रेल हमारे देश भारत की लाइफलाइन कही जाती है। देश की 135 करोड़ जनता का भार इसके ऊपर है। धार्मिक स्‍थानों पर जाने के लिए, गॉंव में रिश्‍तेदार के पास, किसी हिल स्‍टेशन पर जाने के लिए या फिर परिवार के पास जाने के लिए रेल का सफर देश की जनता के द्वारा अवश्‍य रूप से किया जाता है।

रेल का विकास हमने सन् 1853 से देखा है। पहले भाप के इंजन से ट्रेन चला करती थी। इसके बाद कोयला आया, फिर डीजल और अब आधुनिकला के इस दौर में इलैक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेन भी आ चुकी है।

अक्‍सर ऐसा होता है, कि जब भी महिलाऍं कही दूर सफर अकेली करती है। तो उनमें एक तनाव होता है। सफर के दौरान वह काफी असहज भी महसूस करती है। इस बात को भारतीय रेल काफी अच्‍छे से समझती है। इसलिए इंडियन रेलवे के द्वारा महिलाओं का विशेष ध्‍यान रखा जाता है।

आप भी जानकर हैरान हो जाएंगे कि ऐसा हमेशा इत्‍तेफाक से नहीं होता है, कि महिलाओं को हमेशा महिलाओे के आस पास वाली ही सीट मिलती है। आईआरटीसी महिला को विशेष ध्‍यान में रखकर उनकी सीट बुक करता है।

ऑनलाइन टिकट बुकिंग करते समय आईआरटीसी सिर्फ पहले से महिला के नाम से बुक सीट के पास ही दूसरी महिला को सीट मुहैया कराता है। इसका कारण सिर्फ यह है, कि अगर पुरूषों के बीच में महिला को सीट मिल जाये तो शायद वह पूरे सफर भर बहत ही असहज महसूस करे।

अपनी सुरक्षा के प्रति भी वह चिंतित हो सकती है। इसी वजह से आईआरटीसी के द्वारा बुकिंग के समय महिलाओं का विशेष ध्‍यान रखा जाता है। ताकि वह सहज महसूस करके, बाते करते हुए अपने सफर का आनंद ले सके।

आईआरटीसी से आज ऑनलाइन बुकिंग करना काफी असान हो चुका है। पहले ऐसा होता था कि इसमें टिकट बुक करना काफी टेढ़ा हुआ करता था। परन्‍तु अब ऐसा नही है। आज आईआरटीसी की वजह से लोगों को घंटो कांउटर पर धक्‍के नहीं खाना पड़ता।

हम जब चाहे कही भी हो किसी भी जगह से अपने मोबाईल के जरिए कही भी जाने के लिए टिकट बुक कर पाते है। यह सुविधा जनता के हित में है। इसके साथ ही महिलाओं की टिकट बुकिंग के इस रोचक तथ्‍य को जानने के बाद आईआरटीसी पर लोगो का भरोसा ओर भी बढ़ जायेगा। सिर्फ यही नहीं आईआरटीसी की आवश्‍यकता हमें कई चीजों के लिए होती है। जिसके लिए आईआरटीसी हमेशा तत्‍पर रहता है।