शिक्षा मंत्री के भाई गरीब कोटे से बने थे असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, योगी के दौरे से पहले दिया इस्तीफा
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश द्विवेदी के भाई डॉ. अरुण कुमार द्विवेदी ने बुधवार को सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा देने की बात कही है। हालांकि सीएम योगी आदित्यनाथ के सिद्धार्थनगर दौरे से पहले शिक्षा मंत्री के भाई का इस्तीफा डैमेज कंट्रोल के रूप में भी देखा जा रहा है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेन्द्र दुबे ने उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया है। सिद्धार्थनगर के सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में मंत्री के भाई की नियुक्ति अल्प आय वर्ग (ईडब्ल्यूएस) कोटे से हुई थी। उनकी नियुक्ति को लेकर इंटरनेट मीडिया पर लगातार सवाल उठाए जा रहे थे। विवादों में घिरने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया है।
यूपी सरकार में बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी के सगे भाई डॉ. अरुण कुमार की नियुक्ति सिद्धार्थ यूनिवर्सिटी कपिलवस्तु में मनोविज्ञान विभाग में हुई थी। लेकिन, इनकी नियुक्ति विवादों के घेरे में आ गई, जिसके बाद से लगातार जांच की मांग की जा रही थी। डॉ. अरुण कुमार द्विवेदी पर आरोप है कि उन्होंने अपनी पत्नी के भी नौकरी में रहते हुए और उन्हें करीब 70 हजार रुपये मासिक से ज्यादा वेतन मिलते हुए गलत ढंग से ईडब्लूएस सर्टिफिकेट हासिल किया था। डॉ. अरुण भी पूर्व में वनस्थली विश्वविद्यालय में नौकरी करते थे।
अधिवक्ता और सोशल एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने पूरे मामले की जांच करवाने की मांग करते हुए कहा था कि डॉ. अरुण की नियुक्ति अल्प आय वर्ग कोटे से हुई है। डॉ अरुण वनस्थली विद्यापीठ राजस्थान में भी प्रोफेसर थे। साथ ही वह शिक्षा मंत्री के भाई भी हैं। ऐसे में उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए गरीबी के प्रमाण पत्र पर सवाल खड़े होते हैं। नूतन ठाकुर ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को इस संबंध में साक्ष्यों के साथ पत्र लिखा। इसके बाद राजभवन ने पूरे विवाद में हस्तक्षेप करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र जारी कर स्थिति स्पष्ट करने को कहा था।