विपक्ष के आरोप बोले चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, कहा- हम कहने से ज्यादा करने में विश्वास रखते हैं
गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने गुजरात विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा कर दी है। अब इसको लेकर राजनीतिक बहस शुरू हो गया है। विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि कि इन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम को देखते हुए गुजरात विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा करने में विलंब किया है। हालांकि मुख्य चुनाव आयुक्त से जब पत्रकारों ने यह सवाल तो उन्होंने इसको निराधार बताया है। बता दें, गुजरात विधानसभा चुनाव दो चरणों में होगा। 1 और 5 दिसंबर को मतदान होगा तो वहीं 8 दिसंबर को मतगणना होगा।
https://twitter.com/ECISVEEP/status/1588062791193137152?t=WLflZmxSth1MOS4ZVopuVQ&s=19
चुनाव आयोग पर कांग्रेस ने कसा तंज
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों के घोषणा पर कहा, “गुजरात चुनाव की घोषणा कर दी गई है। इसके विलंब होने का कारण यही है कि प्रधानमंत्री को सरकारी खर्च पर अपने राजनीतिक कार्यक्रम करने थे। यहां तक कि मोरबी घटना का राजकीय शोक भी तीसरे दिन हुआ ताकि पीएम मोदी गुजरात में सारे ‘रिबन’ काट सकें।” साथ ही कांग्रेस ने ट्वीट करके चुनाव आयोग पर तंज कसा है। कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया गया कि भारत निर्वाचन आयोग एक स्वायत्त संस्थान है। ये निष्पक्ष चुनाव कराता है। साथ गाँधी के तीन बंदरो के प्रतीक वाला इमोजी को भी डाला है।
https://twitter.com/INCIndia/status/1588013094491471878?t=HvwNZJ3pvKAP5AXGJ0-6hQ&s=19
“आप” ने चुनाव आयोग पर साधा निशाना
गुजरात आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया ने भी चुनाव आयोग पर निशाना साधा है। उन्होंने मजाकिये लहजे में ट्वीट करके लिखा, “आदरणीय चुनाववाले अंकल जी। प्रचारमंत्री जी का सारा कार्यक्रम खत्म होते ही एक भी दिन की देर किए बिना तुरंत ही चुनाव घोषित करने के लिए थेँक्यु सो मच। लगता था शायद भाजपा वाले चुनाव ही नही होने देंगे, लेकिन आपने हिम्मत करके गुजरात मे चुनाव करने की घोषणा की। देश आपका आभारी रहेगा।”
https://twitter.com/Gopal_Italia/status/1588037556276719617?t=vVn4xleg9KGyhWC4ClpHoQ&s=19
चुनाव आयोग के प्रमुख राजीव कुमार से जब पत्रकारों ने पूछा कि गुजरात चुनाव के लिए मतदान की तारीखों का एलान हिमाचल प्रदेश के साथ क्यों नहीं किया गया, तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि इस तरह एक सवाल यह भी हो सकता है कि मार्च-अप्रैल में जो चुनाव होने हैं, उनकी तारीखों का एलान हिमाचल के साथ क्यों नहीं किया गया। साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग के ऊपर निष्पक्षता से चुनाव ना करवाने के आरोप पर कहा कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करने वाली पार्टियां जब जीत जाती हैं, तब उन्हें लगता है कि उन्हें सवाल नहीं उठाने चाहिए थे। उन्होंने कहा, हम कहने से ज्यादा करने में विश्वास रखते हैं।