वेंकैया नायडू के नाम पीएम मोदी का भावुक करने वाला पत्र, आचार्य विनोबा भावे से की तुलना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के विदाई समारोह के बाद गुरुवार को तीन पेज का पत्र लिखा है। पत्र में पीएम मोदी ने वेंकैया नायडू की तुलना आचार्य विनोबा भावे से की है। इसके साथ-साथ पीएम मोदी ने राज्यसभा की कार्यवाही में काफी सुधार करने के लिए, पहली बार टाइमार को प्रोत्साहित करने, संसद में पहली बार आने वाले सदस्यों को प्रोत्साहित करने और उनके दृढ़ विश्वास और काम करने की ऊर्जा की सराहना की है।
प्रधानमंत्री ने वेंकैया नायडू को लिखे पत्र की शुरुआत में कहा है, कुछ दिन पहले, मैंने आपकी विदाई के दौरान राज्यसभा के पटल पर बात की थी। उस समय मेरे दिमाग में ढेर सारी यादें ताजा हुईं। नेल्लोर की छोटी गलियों से लेकर उपराष्ट्रपति पद तक, आपकी यात्रा एक उत्कृष्ट और प्रेरक यात्रा रही है। आपके विश्वास और विचारधारा के प्रति प्रतिबद्धता की कल्पना की जा सकती है जिसने आपको एक राजनीतिक आंदोलन और एक ऐसे पार्टी में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जिसकी आपके राज्य में बहुत कम उपस्थिति थी।
चुनौतियों ने आपको और मजबूत बनाया
पत्र में उन्होंने आगे कहा, इतना ही नहीं आपके युवावस्था का अहम समय या तो हमारे लोकतंत्र की रक्षा के लिए किए गए आंदोलन में या फिर एक विधायक या उस पार्टी के नेता के रूप में बिता जो ज्यादातर समय विपक्ष में थी। इस बीच में जब भी आपके सामने कोई चुनौती आई तो उसने आपके काम को और भी साहस के साथ करने के लिए आपके संकल्प को मजबूत किया।
चीजों को सरल तरीके से व्यक्त करने की क्षमता है’
प्रधानमंत्री ने आगे लिखा है, ‘अभिव्यक्ति हमेशा आपकी सबसे बड़ी ताकत रही है। विनोबा भावे जी के लेखन ने मुझे हमेशा प्रभावित किया है। वह ये जानते थे कि उपयुक्त शब्दों का उपयोग करके चीजों को चटपटा तरीके से कैसे प्रस्तुत किया जा सकता है। जब भी मैं आपको सुनता हूं, मुझे उनके जैसी चमक के रंग दिखाई देते हैं। आपके पास दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने और चीजों को सरल तरीके से व्यक्त करने की क्षमता है।