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मेरठ से पीएफआई के चार सदस्य गिरफ्तार, भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने का प्लान

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर एनआईए लगातार शिकंजा कसते नज़र आ रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों से सैंकड़ो पीएफआई नेताओं को संदिग्ध हरकतों को लेकर गिरफ्तार किया जा रहा है। इस बीच उत्तर प्रदेश के मेरठ से शनिवार को एनआईए और एटीएस ने साझा करवाई करके ग्राम प्रधान समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। ये सभी चार लोग पीएफआई के सक्रिय सदस्य बताए जा रहे हैं। वहीं दो अन्य लोगों को एटीएस ने वाराणसी से गिरफ्तार किया है।

जानकारी के अनुसार, शनिवार को मेरठ के खरखौदा से देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के संदेह में इन चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए पीएफआई के सदस्यों से हैरतअंगेज खुलासा हुआ है। भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। साथ ही हिन्दू और मुसलमानों के बीच सौहार्द को कैसे ख़त्म किया जाए, इसको लेकर भी पूछताछ में बात सामने आई है। गिरफ्तार हुए लोगों में कुछ ने केरल में जाकर हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी ली है। गिरफ्तार किए गए लोगों का नाम मोहम्मद शादाब अजीम कासमी, मुफ़्ती शहजाद, मौलाना साजिद और मोहम्मद इस्लाम कासमी है। गिरफ्तार किए गए सभी लोगों से पूछताछ जारी है।

बता दें, पिछले दिनों ही एनआईए ने देशभर के विभिन्न हिस्सों में एकसाथ छापेमारी करके 100 से अधिक पीएफआई के सदस्यों को गिरफ्तार किया था। साथ इन छापेमारी में संदिग्ध सामना भी बरामद किया गया था। इस गिरफ्तारी के विरोध में पीएफआई के सदस्यों ने इसके खिलाफ शुक्रवार को केरल, कर्नाटक के साथ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भी किया था। कई जगहों पर ये प्रदर्शन हिंसक भी देखने को मिला था। पीएफआई का इन गिरफ्तारियों पर कहना है कि केंद्र सरकार यह करवाई बदले की भावना से कर रही है। वहीं एनआईए ने शनिवार को एक बड़ा खुलासा करते हुए यह कहा है कि जुलाई के महीने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पटना में हुए रैली में पीएफआई के द्वारा हमले की साजिश रची जा रही थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी हमले की बात पूछताछ में सामने आई है।