नक्सल की आग में कब तक जलेंगे जवान

छत्तीसगढ़ के बीजापुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र जोन्नागुड़ा के जंगल में शनिवार दोपहर पुलिस व नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में कुल 23 जवान शहीद हुए हैं। आज दोपहर तक 23 शव निकाले जा चुके हैं।

बीजापुर एसपी कमलोचन कश्यप ने 23 शव की पुष्टि की है। गांव के करीब और जंगल में जवानों के शव मिले हैं। नक्सली जवानों के हथियार, जूते और कपड़े तक ले गए हैं। मुठभेड़ के बाद 15 से ज्यादा जवान लापता बताए जा रहे थे। अब तक 30 घायल जवानों को अस्‍पताल पहुंचाया गया जबकि 7 घायलों का इलाज रायपुर और 23 का बीजापुर में चल रहा। सभी की स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है।

इस हमले में नक्सलियों ने देसी रॉकेट लॉन्चर और एलएमजी का इस्तेमाल किया था ।सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के सबसे मजबूत गढ़ बीजापुर में यह ऑपरेशन चलाया था। नक्सलियों के खिलाफ अभियान नक्सलियों के सबसे बड़े पीपुल्स लिबरेशन ग्रुप आर्मी प्लाटून वन (PLGA 1) में से एक हिडमा के गढ़ में था।

नक्सलियों ने तीन तरीके से सुरक्षाबलों पर हमला किया। पहला बुलेट से, दूसरा नुकीले हथियारों से और देसी रॉकेट लॉन्चर से करीब 200 से 300 नक्सलियों का समूह सुरक्षाबलों की टुकड़ी पर टूट पड़ा था। नक्सलियों के इस अंतिम गढ़ में सुरक्षा बलों का ऑपरेशन अब भी जारी है।

बस्तर आइजी सुंदरराज पी ने मौके से एक महिला नक्सली का शव बरामद होने की भी जानकारी दी है। इसके साथ ही दावा किया है कि लगभग 15 नक्सली मारे गए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया – “उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री ने घायल जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की।

हमले के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने अपना असम दौरा रद्द कर दिया। साथ ही गृहमंत्री ने घायल हुए शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए और जवानों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हुए कहा है – “‘छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से लड़ते हुए शहीद हुए हमारे बहादुर सुरक्षाकर्मियों के बलिदान को नमन करता हूं। राष्ट्र उनकी वीरता को कभी नहीं भूलेगा।”

सीएम भूपेश बघेल ने जवानों की शहादत पर दुख व्यक्त करते हुए उनके स्वजनों के प्रति संवेदना जताई है।

देश में आए दिन नक्सली हमले होते रहते हैं और जवान शहीद होते रहे लेकिन ये बन्द नहीं होता । आखिर नक्सल के आग में अपने ही देश में कब तक शहीद होते रहेंगे जवान, कब तक जलता रहेगा भारत , कब शांत होगी यह नफरत की ज्वाला ?

पल्लवी सिंह