5G किस तरह से बदलेगा आपकी जिंदगी, हमारे जीवन पर क्या होगा असर

भारत अब टेलिकॉम के क्षेत्र में एक कदम आगे बढ़ाकार 5G लाने की कोशिश में लगा हुआ है। 5G हमारे और आपके जीवन को पूरी तरीके से बदल के रख देगा। इस टेक्नोलॉजी को लोगों के फोन और घरों तक पहुंचाने के लिए तेजी से काम चल रहा है और Airtel इसमें लीडर की भूमिका निभा रहा है। पिछले कई सालों से भारत में 5G लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। भारत में लगातार इसकी टेस्टिंग चल रही है हाल ही में पहले टेलीकॉम ऑपरेटर के रूप में Airtel ने हैदराबाद में कमर्शियल नेटवर्क पर लाइव 5G टेक्नोलॉजी का सफलतापूर्वक प्रदर्शन करके यह बता दिया कि यूजर्स को इस टेक्नोलॉजी के लिए अब ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़े.

मुकेश अंबानी की तरफ से 5G को लेकर बड़ा ऐलान किया गया है। अंबानी ने ऐलान किया है कि साल 2021 की दूसरी तिमाही तक Jio के 5G नेटवर्क को लॉन्च कर दिया जाएगा। Reliance Jio तेजी से 5G नेटवर्क पर काम कर रहा है। jio ने 5G नेटवर्क के लिए Qualcomm के साथ साझेदारी की थी। और इस साझेदारी के तहत jio और Qualcomm ने 5G की टेस्टिंग की है। इस टेस्टिंग में 1GB स्पीड हासिल की गई है। बता दें कि 5G टेक्नोलॉजी को न्यू रेडियो (NR) के नाम से जाना जाता है। जैसा कि 4G को LTE के नाम से जाना जाता है। आइए जानते हैं भारत में 5G नेटवर्क के आने से हमारी जिंदगी में क्या-क्या बेहतरी आएगी, क्या-क्या बदलाव होंगे।

क्या होगा फायदा-

5G नेटवर्क के आने से 1Gbps की स्पीड मिलेगी। मतलब 4G के मुकाबले कई गुना तेज इंटरनेट स्पीड मिलेगी। साथ ही बेहतर कवरेज मिलेगी। हालांकि 4G में भी 100mbps स्पीड मिलने का दावा किया जाता है। लेकिन हकीकत यूजर को 5 से 10mpbs की स्पीड मिलती है।

5G नेटवर्क आने से आपके मोबाइल की बैटरी की खपत कम होगी। साथ ही कनेक्टेड डिवाइस में इजाफा देखने को मिलेगा।

देश में 5G के आन से हेल्थकेयर, एग्रीकल्चर, एजूकेशन सेक्टर को काफी फायदा मिलेगा। घर बैठे ही चिकित्सा सहायता मिल सकेगी और कृषि परामर्श मिलेगा। साथ ही डॉक्टरों की कमी को पूरा किया जा सकेगा।

5G के नेटवर्क के आने से ड्राइवरलेस गाड़ियों की संख्या में इजाफा देखा जा सकता है। साथ ही रोबोटिक चीजों के डेवलपमेंट में तेजी आएगी।

5G के आने से लो-लेटेंसी यानी रेस्पांस टाइम काफी तेज होगा। मतलब अगर ड्राइवरलेस गाड़ी के सामने अचानक से आ जाएगा, तो 5G क्विक रेस्पांस टाइम में ब्रेक लगा देगा।

कॉल क्वॉलिटी में सुधार आएगा। मतलब कॉल ड्रॉप की समस्या में सुधार हो सकता है।

क्या होगा नुकसान-

5G नेटवर्क के आने से रेडिशन तेजी से फैलेगा। 5G नेटवर्क के लिए टेलिकॉम कंपनियों की तरफ से बहुत ही पास-पास नेटवर्क लगाया जाएगा। साथ ही कुछ जगह पर स्मॉल सेल लगाया जाएगा।

5G के लिए देने होंगे ज्यादा पैसे-

5G नेटवर्क के लिए आपको ज्यादा पैसे देने होंगे। क्योंकि 5G स्पीड के लिए टेलिकॉम कंपनियों को ज्यादा संख्या में काफी पास-पास नेटवर्क लगाने होंगे। अब वाजिब है कि टेलिकॉम कंपनियों की तरफ से इस नेटवर्क बाकी 5G टेक्नोलॉजी का खर्च यूजर से ही वसूला जाएगा। साथ ही सरकार किस प्राइस में स्पेक्ट्रम की नीलामी करती है। इस पर भी 5G नेटवर्क की कीमत निर्भर करेगी। साधारण, शब्दों में कहें, तो 5G नेटवर्क चलाने के लिए सरकार लाइसेंज जारी करेगी और टेलिकॉम कंपनियों से कुछ चार्ज करेगी। अगर यह लाइसेंसिंग चार्ज ज्यादा रहता है, तो टेलिकॉम कंपनियां Airtel, BSNL, VI, JIO की तरफ से 5G कीमत को ज्यादा रखा जाएगा।

ऐसा रहा वायरलेस का दौर-

सबसे पहले साल 1980 में 1GB टेक्नोलॉजी लॉन्च की गई थी। यह पूरी तरह से वायरलेस थी। इसमें केवल कॉल की जा सकती है।
फिर साल 1991 में 2G टेक्नोलॉजी को लॉन्च किया गया था। इसमें कॉलिंग के साथ टेक्स्ट यानी मैसेज किया जा सकता है। इसकी अधिकतम स्पीड 50kbps थी।
इसके बाद साल 1998 में 3G नेटवर्क को लॉन्च किया गया। इसमें कॉलिंग, मैसेजिंग के साथ इंटरनेट इस्तेमाल करने की सुविधा थी। इसकी अधिकतम स्पीड 2Mbps हुआ करती थी।
साल 2008 में 4G नेटवर्क की एंट्री हुई। इसमें HD कॉलिगं की सुविधा मिली। इसकी अधिकतम स्पीड 100mbps की थी।