नेपाल में अगर बनी देउबा सरकार तो क्या भारत के साथ सुधरेंगे संबंध?
पड़ोसी देश नेपाल में हुए आम चुनाव के परिणाम बता रहे हैं कि शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व वाला गठबंधन सरकार बनाने की दिशा में आगे निकल रहा है. इसकी पूरी उम्मीद है कि नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व में ही सरकार बनेगी और देउबा फिर से नेपाल के प्रधानमंत्री होंगे. हालांकि वोटों की गिनती अभी जारी है और अंतिम परिणाम आने तक कुछ भी हो सकता है. लेकिन जो रुझान दिख रहे हैं उसमे देउबा गठबंधन की जीत पक्की मानी जा रही है.
देउबा भारत के अच्छे दोस्त रहे हैं और माना जा रहा है कि देउबा की फिर से सरकार बनती है तो भारत-नेपाल संबंधों पर सार्थक असर पड़ेंगे और पिछली सरकार द्वारा भारत के खिलाफ किये गए कार्यों पर विराम लगेगा. पूर्व की ओली सरकार हमेशा भारत के खिलाफ रही है और कई तरह के सीमा विवाद को खड़ा कर ओली सरकार ने भारत की दोस्ती को कमतर करने का प्रयास किया है.
अब जब फिर से देउबा की सरकार बनने की संंभावना बढ़ गई है तो माना जा रहा है कि भारत और नेपाल के संबंध प्रगाढ़ होंगे और सभी तरह की समस्याएं भी खत्म होंगी. भारत भी नेपाल के इस चुनाव पर नजर बनाए हुए हैं. बता दें कि ओली की सरकार जहां चीन का समर्थक रही है, वहीं शेर बहादुर देउबा हमेशा भारत के पक्ष और हित के समर्थक रहे हैं.
देउबा बड़ी जीत की ओर अग्रसर
अभी तक नेपाल आम चुनाव के जो परिणाम सामने आए हैं उसके मुताबिक़ सबसे बड़ी जीत मौजूदा पीएम देउबा की हुई है. देउबा को जहां 25354 वोट मिले हैं वही उनके प्रतिद्वंदी निर्दलीय उम्मीदवार सागर ढकाल को मात्र 1302 मत मिले हैं. देउबा डडेलधुरा जिले से चुनाव लड़ रहे हैं. देउबा की यह जीत उनके फिर से प्रधानमंत्री बनने की राह आसान कर देगी. देउबा अभी तक के पांचवी बार के प्रधानमंत्री है और उनके गठबंधन की जीत हो जाती है तो वे छठी बार प्रधानमंत्री बन सकते हैं.