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बिहार में कर्मचारियों को 10 दिन पहले मिला वेतन, नियोजित शिक्षकों ने जताया विरोध

बिहार के दो प्रमुख त्योहार दीपावली और छठ इसबार महीने के अंतिम सप्ताह में है। 24 तारीख को दिपावली और फिर तुरंत छठ पूजा। महीने में तीन-तीन त्योहार होने की वजह से खर्च बढ़ जाता है। ऐसे में बिहार सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को अक्टूबर की सैलरी 10 दिन पहले देने का फैसला किया है। महीने के अंत में पैसे की तंगी होती है। सरकार के 10 दिन पहले वेतन देने का फैसला बिहार के सरकारी कर्मचारियों के दीपावली गिफ्ट से कम नहीं है। दशहरा के पहले भी सरकार ने कर्मचारियों हित में त्योहार के पहले वेतन के भुगतान का निर्देश दिया था।

इधर बिहार के नियोजित शिक्षक दशहरे के बाद अब दिवाली भी अंधेरे में ही मनाने के लिए मजबूर हैं। बिहार के नियोजित शिक्षकों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला। जिसके बाद बिना वेतन दशहरा और इनकी उधार पर दिपावली निकलने की स्थिति बन गई है। यही वजह है कि नीरस दशहरा के बाद अब दीपावली का भी उल्लास इनके चेहरे पर नहीं है।

सरकार कर्मचारी को 10 दिन पहले वेतन

बिहार में सरकारी कर्मचारियों को 20 तारीख को वेतन देने के फैसले पर वित्त मंत्री विजय चौधरी ने कहा पिछले दो-तीन वर्षों से कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण इस त्योहार का आयोजन फीका रहता था। इस बार सरकारी अधिकारी और कर्मचारी इन पर्वों को हर्षोल्लास और आनंदपूर्वक मना सकें। राज्य सरकार के इस फैसले से करीब चार लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को त्योहार के पूर्व वेतन का भुगतान होगा।

नियोजित शिक्षकों की अंधेर में दीपावली

वहीं नियोजित शिक्षकों को वेतन नहीं मिलने पर उनमें भारी असंतोष है। शिक्षकों का कहना दुर्गा पूजा पर हमें वेतन नहीं मिला अब दिवाली और छठ भी नजदीक आ रहा है। लेकिन हमें वेतन नहीं मिला है. बिहार के नए शिक्षा मंत्री ने वेतन और बकाया भुगतान को नई सरकार का तोहफा बताया था। लेकिन वह तोहफा हमें अबतक नहीं मिला है।

सरकार करे समान व्यवहार

शिक्षकों का कहना है कि हम भी सरकारी स्कूलों में पढ़ाते हैं। सरकार को सभी के साथ समान व्यवहार करना चाहिए। शिक्षक दशहरे के बाद अब दिवाली भी अंधेरे में ही मनाने के लिए मजबूर हैं। अगर घरों में अंधेरा है तो शिक्षक कैसे काम करेंगे।