सयुंक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान ने अलापा कश्मीर राग, महबूबा मुफ्ती ने भी किया समर्थन
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने एकबार फिर पाकिस्तान राग अलापा है। उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सयुंक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर पर दिए बयान का समर्थन किया है। शनिवार को मुफ़्ती ने कहा कि अगर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जम्मू कश्मीर के मसले का हल चाहते है और आपसी रिश्ते को ठीक करना चाहते हैं यही होना चाहिए। महबूबा मुफ्ती ने वाजपेयी सरकार की याद दिलाते हुए बातचीत से इसका समाधान निकालने के पक्ष में बोली।
महबूबा मुफ्ती ने क्या कहा?
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा, “अगर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के मसले को हल करने और दोनों देशों के रिश्तों को अच्छा करने की बात कही तो यह होना चाहिए। जैसे वाजपेयी जी के समय दोनों देशों ने बैठकर बात की थी वैसे ही दोनों देश जम्मू-कश्मीर का हल निकालें तो यह देश के लिए भी अच्छा होगा।” हालांकि महबूबा मुफ्ती धारा 370 हटने से पहले और उसके बाद लगातार वो पाकिस्तान से जम्मू कश्मीर मसले पर बातचीत करने के पक्ष में रही है। धारा 370 और 35A जब केंद्र सरकार ने हटाया था, तब भी मुफ़्ती ने जमकर इसका विरोध किया था। वहीं भारत सरकार लगातार जम्मू कश्मीर को भारत का आंतरिक मामला बताते आई है।
अगर पाकिस्तान के PM ने जम्मू-कश्मीर के मसले को हल करने और दोनों देशों के रिश्तों को अच्छा करने की बात कही तो यह होना चाहिए। जैसे वाजपेयी जी के समय दोनों देशों ने बैठकर बात की थी वैसे ही दोनों देश जम्मू-कश्मीर का हल निकालें तो यह देश के लिए भी अच्छा होगा: महबूबा मुफ्ती,PDP,अनंतनाग pic.twitter.com/hPQ6lQVVer
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 24, 2022
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अलापा था कश्मीर राग
दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को 77वें संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्र को संबोधित करते हुए कहा था कि पाकिस्तान भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ अमन चाहता है, लेकिन दक्षिण एशिया में स्थायी शांति व स्थिरता कश्मीर मुद्दे के उचित समाधान पर निर्भर करती है। शरीफ ने दावा किया, ‘जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को बदलने के लिए 5 अगस्त, 2019 को भारत के अवैध और एकतरफा कदम ने शांति की संभावनाओं को और कमतर किया है और क्षेत्रीय तनाव को भड़काया है।’