“भारत अहिंसा का पुजारी है, दुर्बलता का पुजारी नहीं,” आरएसएस प्रमुख का बयान

भारत आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत नागपुर में “उत्कृष्ट भारत” कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने इस दौरान कहा, “जिस दिन हम डरना छोड़ देंगे तब अखंड भारत बनेगा।” उन्होंने आगे कहा कि भारत को भारत के नाते बड़ा बनाना है। अमेरिका सारी दुनिया में अपना डंडा चलाता है। चीन अपने सामर्थ्य का विस्तार करने की कोशिश में रहता है।

भागवत ने कहा कि हमने ही जात-पात की खाई बनाई है। छोटे अहंकार की साजिश करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि विविधता के प्रबंधन के लिए दुनिया भारत की ओर देखती है। भागवत ने कहा कि टाटा के पीछे विवेकानंद की प्रेरणा थी। शक्ति का थोड़ा अवतरण चीन में हुआ, दुनिया में क्या-क्या कर रहा है, ये हम देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत अहिंसा का पुजारी है, दुर्बलता का पुजारी नहीं है। उन्होंने कहा कि अखंड भारत की बात करते हैं तो लोग डर जाते हैं। बोलते हैं- कब होगा। जब डरना छोड़ देंगे, तब अखंड भारत होगा।

उन्होंने कहा कि हमको इस देश में स्वच्छता अभियान चलाना पड़ता है। इसके बाद भी सड़क के दोनों ओर कचरा फैला रहता हैं। समस्या होती है तो गुहार लगानी होती है लेकिन इसके लिए बसें क्यों जलाना? हम अपनी बात करने के लिए शत्रु को सामने क्यों खड़ा करते हैं।