कोरोना वैक्सीन को बर्बाद करने में झारखंड और छत्तीसगढ़ अव्वल : स्वास्थ्य मंत्रालय

कोरोना वैक्सीन की कमी का परिणाम सारा देश झेल रही है। देश भर में वैक्सीन की कमी चिंता का सबब बनी हुई है। एक ओर जहां देश में कई राज्य वैक्सीन नहीं मिलने का शिकायत कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ इन्हीं राज्यों में वैक्सीन को बर्बाद करने का मामला सामने आ रहा है। इनमें झारखंड और छत्तीसगढ़ सबसे आगे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से इस पर आंकड़े जारी किए गए। इन आंकड़ों के अनुसार दोनों राज्यों में हर तीन वैक्सीन डोज में से एक बर्बाद हो रही है। वैक्सीन बर्बादी की राष्ट्रीय औसत जहां 6.3 प्रतिशत है, वहीं झारखंड को सप्लाई हुई कुल वैक्सीन का 37.3 प्रतिशत और छत्तीसगढ़ में 30.2 प्रतिशत बर्बाद हुआ है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, “राज्यों से लगातार आग्रह किया गया है कि वो ये सुनिश्चित करें की उनके वहां सप्लाई की गई कुल वैक्सीन में से एक प्रतिशत से भी कम बर्बाद हो। लेकिन झारखंड (37.3 प्रतिशत), छत्तीसगढ़ (30.2 प्रतिशत), तमिलनाडु (15.5 प्रतिशत), जम्मू और कश्मीर (10.8 प्रतिशत) और मध्य प्रदेश (10.7 प्रतिशत) में राष्ट्रीय औसत के मुकाबले कहीं अधिक वैक्सीन की बर्बादी हुई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये भी कहा, “किसी भी बड़े वैक्सीनेशन अभियान में थोड़ा बहुत नुकसान होता है। राज्यों को उनकी जनसंख्या और जरूरत के अनुसार वैक्सीन प्रदान की जाती हैं. इनमें से कितनी वैक्सीन बर्बाद हुई हैं ये इन आंकड़ों के लिए बेहद जरूरी है। जिन राज्यों में ज्यादा वैक्सीन बर्बाद हो रही है वो टीकाकरण अभियान को सही तरीके से नहीं चला रहे हैं। इसका एक कारण जानकारी का अभाव भी है। इन राज्यों को वैक्सीनेशन में किसी भी तरह की लापरवाही से बचना चाहिए। एक वैक्सीन जो बर्बाद होने का मतलब है की कोई व्यक्ति इसकी डोज से वंचित रह जाएगा।”

उधर, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों पर अपनी प्रतिक्रिया दी। सोरेन ने कहा, “झारखंड को अब तक जितनी भी वैक्सीन की डोज दी गयी हैं उनमें से केवल 4.65 प्रतिशत ही बर्बाद हुए हैं। CoWin साइट पर तकनीकी समस्या के चलते राज्य का वैक्सीनेशन डाटा अपडेट नहीं हो पाया है।”