जितिन प्रसाद को भाजपा में शामिल होने को लेकर बोले कपिल सिब्बल, जीते जी भाजपा में शामिल नहीं होऊंगा
कांग्रेस के दिग्गज नेता जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने के बाद से सियासी हंगामा मचा हुआ है. कांग्रेस के और भी नेताओं के भाजपा में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं. कांग्रेस में नेताओं की नाराजगी दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. इससे यह तो स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस मौजूदा समय में भारी संकट के दौर से जूझ रही है. कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के समूह ‘जी-23’ ने इस बारे में सोनिया गांधी को लिखा भी था कि पार्टी में व्यापक सुधारों की जरूरत है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल भी ‘जी-23’ क्लब के प्रमुख सदस्य हैं.
जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कपिल सिब्बल ने कहा, “”मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता कि पार्टी नेतृत्व ने क्या किया है या नहीं किया है. हम भारतीय राजनीति में एक ऐसे चरण में पहुंच गए हैं जहां इस प्रकृति के निर्णय विचारधारा पर आधारित नहीं हैं. वे उस पर आधारित हैं जिसे अब मैं प्रसादा राम राजनीति कहता हूं. पहले यह आया राम गया राम था. हमने पश्चिम बंगाल में ऐसा होते देखा है- अचानक लोग चले जाते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि भाजपा सफल होने जा रही है… आप एक विचारधारा के प्रति अपने विश्वासों के आधार पर चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं बल्कि आपको विश्वास है कि ‘मुझे व्यक्तिगत रूप से कुछ मिल सकता है’. मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र में भी ऐसा ही हुआ…”
राहुल गांधी के करीबी रहे जितिन प्रसाद ने दो साल की अटकलों के बाद कल बुधवार को इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा, “मेरा कांग्रेस के साथ तीन पीढ़ी का नाता है, इसलिए मैं बहुत देर बाद विचार-विमर्श कर यह निर्णय ले पाया. पिछले 8-10 सालों में, मैंने महसूस किया है कि अगर कोई एक पार्टी है जो वास्तव में राष्ट्रीय है, तो वह भाजपा है. अन्य दल क्षेत्रीय हैं लेकिन यह राष्ट्रीय पार्टी है.” जितिन प्रसाद भी कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के क्लब जी-23 के सदस्य थे. उन्होंने भी पत्र लिखकर सोनिया गांधी से पार्टी नेतृत्व में सुधारों की अपील की थी.