काशी रेलवे स्टेशन का होगा पुनर्विकास, धार्मिक संस्कृति के अनुरुप होगा डिजाइन
रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण काशी रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास किया जाएगा और इसका डिजाइन काशी के धार्मिक और मंदिरों की संस्कृति को ध्यान में रख कर तैयार किया जाएगा। वैष्णव ने कहा कि 350 करोड़ रुपये की लागत से स्टेशन का पुनर्विकास करने से आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
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रेल मंत्री ने अपने वाराणसी दौरे के दूसरे दिन शनिवार को काशी स्टेशन और राजघाट पुल का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा, “ स्टेशन का डिजाइन काशी के धार्मिक और मंदिरों की संस्कृति को ध्यान में रख कर तैयार किया जाएगा। काशी स्टेशन को जल और नभ मार्ग से जोड़ने की भी तैयारी है।” बकौल वैष्णव, “इसकी डिजाइनिंग पर काम चल रहा है। डिजाइन तय होने के बाद प्रधानमंत्री से स्वीकृति ले कर काम शुरू कराया जाएगा।”
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उन्होंने ने कहा, “इनलैंड वाटर वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना है। इनलैंड वाटर वे की जेटी को भी काशी स्टेशन से जोड़ा जाएगा। इसमें ढाई से तीन साल तक का समय लगेगा।” मंत्री ने राजघाट स्थित मालवीय पुल के निरीक्षण के दौरान कहा, “इस पुल की जगह अब गंगा पर नया पुल बनाया जाएगा। इस पुल पर रेलवे की चार लाइन और उसके ऊपर राजमार्ग के छह लेन बनेंगे।” वैष्णव ने कहा, “पिछले आठ सालों के विकास की देन है कि रेलवे में अब 12 किलोमीटर प्रतिदिन के हिसाब से पटरियां बिछाई जा रही हैं। जब नई पटरियां बिछेंगी तो नई ट्रेन चलेंगी।”
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मंत्री ने कहा कि बनारस में बुलेट ट्रेन का सर्वेक्षण का काम चल रहा है तथा देश की पहली बुलेट ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलेगी जिससे बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि देश में बुलेट ट्रेन के और भी कॉरिडोर बनाएं जाएंगे। वैष्णव शुक्रवार रात्रि बाबतपुर पहुंचे जहां वह सड़क मार्ग से बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) के गेस्ट हाउस पहुंचे।