कोरोना नियंत्रण में जबरदस्त काम फिर भी नहीं मिली केके शैलजा को केरल कैबिनेट में जगह: सूत्र
कोरोना महामारी के दौरान केरल के स्वास्थ मंत्री केके शैलजा की तारीफ हर तरफ से हो रही थी। बावजूद इसके उन्हें LDF सरकार की नई कैबिनेट में जगह नहीं मिली है। 64 साल की पूर्व मंत्री केके शैलजा को ‘शैलजा टीचर’ के नाम से भी जाना जाता है। केरल में हाल में हुए विधानसभा चुनावों में शैलजा ने बड़े अंतर से जीत हासिल की है और LDF गठबंधन की सरकार मे वापसी हुई है।
केरल में दशकों से बारी-बारी LDF और UDF गठबंधन के सत्ता में आने की परंपरा सी रही है लेकिन इस बार LDF के सत्ता में आने के साथ ही इस सिलसिला टूट गया। शैलजा ने कन्नूर जिले की अपनी विधानसभा सीट पर 60 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की है। कोरोना वायरस की पहली लहर के दौरान स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर शैलजा ने स्थिति को जिस तरहह से नियंत्रित किया था, उसके लिए उन्हें काफी प्रशंसा हासिल हुई थी। इससे पहले निपाह वायरस संकट के खिलाफ उनके ‘प्रबंधन’ को भी सराहा गया था। पिछले साल सितंबर माह में ब्रिटेन की मैगजीन ने शैलजा टीचर को ‘टॉप थिंकर ऑफ इ ईयर 2020’ के तौर पर चुना था।
गौरतलब है कि केरल कोरोना महामारी के दौरान उन राज्यों में गिना जाता रहा है, जिसने अपनी स्वास्थ सुविधाओं का प्रदर्शन करके पुरे देश को प्रभावित करने का काम किया। केके शैलजा इस दौरान केरल की स्वास्थ मंत्री के तौर पर कार्यरत थी और हर तरफ उनके काम की तारीफ की गई।