गांव में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति को लेकर, सीएम योगी पर मायावती ने बोला हमला
कोरोना महामारी से मची तबाही के बीच गांव में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति को लेकर बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि, कोरोना संक्रमण से गांवों की स्थिति नाज़ुक बनी हुई है और योगी सरकार चैन की नींद सो रही है।
उन्होंने कहा कि, सरकार संक्रमण को रोकने के लिये तमाम दावे कर रही है लेकिन ये सब चुनावी वादों की तरह हैं।बसपा सुप्रीमो ने कहा कि, गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का हाल बेहद खराब है।
उन्होंने ट्वीट करते हुये लिखा कि, कोरोना प्रकोप के सुविधाहीन ग्रामीण क्षेत्रों में भी काफी फैल जाने से भारत सुर्खि़र्यों में आ गया है, फिर भी सरकारें इसकी उचित तैयारी व उससे जनता को राहत दिलाने के सम्बंध में ताबड़तोड़ घोषणाएं ऐसे कर रही हैं जैसे चुनाव के समय में हवा-हवाई वादों का प्रचलन है, अति-दुःखद।
1. कोरोना प्रकोप के सुविधाहीन ग्रामीण क्षेत्रों में भी काफी फैल जाने से भारत सुर्खि़र्यों में आ गया है, फिर भी सरकारें इसकी उचित तैयारी व उससे जनता को राहत दिलाने के सम्बंध में ताबड़तोड़ घोषणाएं ऐसे कर रही हैं जैसे चुनाव के समय में हवा-हवाई वादों का प्रचलन है, अति-दुःखद। 1/2
— Mayawati (@Mayawati) May 24, 2021
आगे अपने दूसरे ट्वीट में लिखा कि, जबकि सख्त जरूरत है कि यूपी व अन्य राज्यों में पहले से ही डाक्टर व अन्य सरकारी कर्मचारियों आदि के अभाव में खासकर जो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आदि बेकार व खस्ताहाल पड़े हैं उन्हें तत्काल सक्रिय किया जाए ताकि ग्रामीण भारत के अधिसंख्य गरीब व बेसहारा लोगों को इसका लाभ फौरन मिल सके।
2.जबकि सख्त जरूरत है कि यूपी व अन्य राज्यों में पहले से ही डाक्टर व अन्य सरकारी कर्मचारियों आदि के अभाव में खासकर जो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आदि बेकार व खस्ताहाल पड़े हैं उन्हें तत्काल सक्रिय किया जाए ताकि ग्रामीण भारत के अधिसंख्य गरीब व बेसहारा लोगों को इसका लाभ फौरन मिल सके।
— Mayawati (@Mayawati) May 24, 2021
आपको बता दें कि, एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के एक तिहाई गांवों में कोविड संक्रमण पहुंच चुका है। यूपी में पंचायत चुनावों के बाद कोरोना के मामले गांव में तेजी से बढ़े हैं। यही नहीं, पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले हजारों लोगों ने जान गंवाई। इसके राज्य के शिक्षकों की ड्यूटी के दौरान मौत से सियासी बवाल मचा हुआ है। मौत के आंकड़े को लेकर सरकार व शिक्षक संघ के अपने-अपने दावे हैं।
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