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वाल्मीकि जयंती पर मोहन भागवत जातिवाद पर बड़ा बयान, कहा- केवल व्यवस्था नहीं मन बदलना जरूरी

वाल्मीकि जयंती के अवसर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि बाबा साहब अंबेडकर ने संसद में संविधान देते समय कहा था कि अब तक जो पिछड़े माने जाते थे वो पिछड़े नहीं रहेंगे। वो बराबरी से सबके साथ बैठेंगे, हमने यह व्यवस्था बना दी है। लेकिन केवल व्यवस्था बनाने से नहीं होता मन बदलना पड़ता है। संघ प्रमुख मोहन भागवत वाल्मीकि जयंती के अवसर पर कानपुर में एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने हिंदू समाज से कैसे छुआछूत को दूर किया जाए, इस मुद्दे पर बात किया है।

जनसभा को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा, “बाबा साहेब अंबेडकर ने कहा था कि व्यवस्था करके राजनीतिक और आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान की है। लेकिन यह तभी साकार होगी जब सामाजिक स्वतंत्रता आएगी और इसलिए दूसरे डॉक्टर साहब ने 1925 से नागपुर से उस भाव को संघ के द्वारा लाने का काम किया।” साथ ही मोहन भागवत ने कहा, “समाज का कोई अंग दुख में है तो समाज सुख में नहीं रह सकता।हमें अच्छा होने के लिए समाज को भी अच्छा होने की आवश्यक्ता है।जब जो होना संभव है तब वो होते चलेगा।हम ऐसे ही आगे बढ़ेंगे तो 25-30 साल बाद वाल्मीकि की एक ऐसी जयंती आएगी जिसे पूरी दुनिया संपन्न करेगी।”

बता दें, मोहन भागवत ने विजयादशमी के अवसर पर जनसंख्या वृद्धि पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि भारत में जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाना जरूरी हो गया है। साथ ही उन्होंने कहा था कि यह सही है कि जनसंख्या जितनी अधिक उतना बोझ ज़्यादा। जनसंख्या का ठीक से उपयोग किया तो वह साधन बनता है। हमको भी विचार करना होगा कि हमारा देश 50 वर्षों के बाद कितने लोगों को खिला और झेल सकता है। इसलिए जनसंख्या की एक समग्र नीति बने और वह सब पर समान रूप से लागू हो। हालांकि उनके इस बयान के बाद बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है।