“गुलामी से पहले वैश्विक जीडीपी में हमारा योगदान एक चौथाई”, इंडिया- यूएन कार्यक्रम में बोले जयशंकर
भारत के वीडियो मंत्री एस. जयशंकर इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं। विदेश मंत्री जयशंकर शनिवार को 77वें संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करेंगे। इससे पहले शनिवार को ही एस जयशंकर ने “इंडिया@75: शोकेसिंग इंडिया यूएन पार्टनरशिप इन एक्शन” कार्यक्रम में शामिल हुए हैं। यह कार्यक्रम भारत के आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने पर आयोजित किया गया था। इस दौरान विदेश मंत्री ने भारत की गौरवशाली इतिहास और वर्तमान के संबंध में लोगों को बताया। जयशंकर ने कहा कि गुलामी के पहले भारत इतना संपन्न था कि वैश्विक जीडीपी में हमारा योगदान एक चौथाई का था। गुलामी के दौरान भारत ने चरम गरीबी भी देखी, लेकिन आजादी के 75 साल बाद आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर गर्व से खड़ा है।
#WATCH | In 18th century, India accounted for about a quarter of global GDP. By middle of 20th century, colonialism ensured that we're one of the poorest nations, but in the 75th year of Independence, India stands before you proudly as the 5th biggest economy in the world: EAM pic.twitter.com/JXP5ABRtLJ
— ANI (@ANI) September 24, 2022
जयशंकर ने डिजिटल इंडिया के बारे में बताते हुए कहा, “डिजिटल टेक्नोलॉजी की मदद से 80 करोड़ लोगों को खाद्य सुरक्षा के तहत राशन उपलब्ध कराया जा चुका है…भारत 2047 तक एक विकसित देश बनने का लक्ष्य रखता है। हम अपने दूर सदूर के गावों को भी डिजिटाइज करने का लक्ष्य रखते हैं और तेजी से इसपर काम कर रहे हैं।”
डिजिटल टेक्नोलॉजी की मदद से 80 करोड़ लोगों को खाद्य सुरक्षा के तहत राशन उपलब्ध कराया जा चुका है…भारत 2047 तक एक विकसित देश बनने का लक्ष्य रखता है। हम अपने दूर सदूर के गावों को भी डिजिटाइज करने का लक्ष्य रखते हैं और तेजी से इसपर काम कर रहे हैं: विदेश मंत्री एस. जयशंकर pic.twitter.com/8JfH8DLPWQ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 24, 2022
जयशंकर ने कहा कि भारत पृथ्वी के उज्जवल भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमें संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों और उसके चार्टर पर पूरा भरोसा है। हमारे विचार में आज दुनिया एक परिवार है। उन्होंने आगे कहा, “भारत ने वैश्विक जलवायु कार्रवाई के लिए दो प्रमुख पहलों को भी सक्षम किया है, पहला 2015 में फ्रांस के साथ अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन। आज, इसके 100 से अधिक सदस्य हैं। दूसरा आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन है जिसमें भारत संस्थापक सदस्य है।”
India has also enabled two major initiatives for global climate action, firstly the international solar alliance with France in 2015. Today, it has over 100 members. The second is the coalition for disaster resilient infrastructure in which India is the founder member: EAM pic.twitter.com/NqOkM2daZ2
— ANI (@ANI) September 24, 2022
बता दें, शनिवार को एस जयशंकर 77वें सयुंक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे। इस संबोधन पर पूरे देश के साथ ही पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान की भी नज़र रहेगी। माना जा रहा कि इस संबोधन में पाकिस्तान के कश्मीर राग अलापने का जवाब जयशंकर दे सकते हैं तो वही चीन की विस्तारवादी नीति पर भी वो बोल सकते हैं। एस जयशंकर अपने तर्कों के लिए मशहूर है। उनके कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं, जिसमें वो ना सिर्फ चीन और पाकिस्तान के कृत्यों को सामने रखते आये हैं बल्कि अमेरिका जैसे शक्तिशाली देशों के दोहरेपन को भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर सामने लाते रहे हैं।