INS विक्रांत पर राजनीतिक बयानबाजी शुरू, ओवैसी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज आईएनएस विक्रांत को नौसेना को समर्पित कर दिया है। अब इसको लेकर भी राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। एआईएमआईएम प्रमुख असद्दुदीन ओवैसी ने सवाल उठाया है कि प्रधानमंत्री तीसरे विमान वाहक जहाज बनाने की इजाज़त क्यों नहीं देते हैं? वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी मोदी सरकार पर भी सवाल उठाया है।
एआईएमआईएम प्रमुख असद्दुदीन ओवैसी ने आईएनएस विक्रांत के लिए नेवी को मुबारकबाद देते हुए कहा, “मैंने नेवी को मुबारकबाद दिया। INS विक्रांत स्वदेशी विमान वाहक जिसका कमीशन आज प्रधानमंत्री ने अपने हाथों से किया उसका लॉन्च 2013 में हुआ था। हमें ये भी सोचना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार तीसरे विमान वाहक की इजाजत क्यों नहीं दे रही है?” ओवैसी ने कहा, “नेवी में हमें 200 जहाज की जरूरत है हमारे पास बस 130 हैं इसकी इजाजत प्रधानमंत्री क्यों नहीं दे रहे हैं? इसकी इजाजत इसलिए नहीं दे रहे हैं क्योंकि उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को अपनी नीतियों से बर्बाद कर दिया है। उनके पास पैसे नहीं हैं।”
नेवी में हमें 200 जहाज की जरूरत है हमारे पास बस 130 हैं इसकी इजाजत प्रधानमंत्री क्यों नहीं दे रहे हैं? इसकी इजाजत इसलिए नहीं दे रहे हैं क्योंकि उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को अपनी नीतियों से बर्बाद कर दिया है। उनके पास पैसे नहीं हैं: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी pic.twitter.com/I2o1LHzrlO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 2, 2022
वहीं आईएनएस विक्रांत का श्रेय लेने का होड़ भी अब शुरू हो गया है। कांग्रेस महासचिव प्रभारी संचार जयराम रमेश ने कहा, “शासन में निरंतरता होती है लेकिन हमारे प्रधानमंत्री ने कभी उसको स्वीकार नहीं किया। INS विक्रांत एक बड़ी उपलब्धि है जिसकी शुरूआत 22 साल पहले हुई थी जिसमें वाजपेयी जी की सरकार, मनमोहन जी की सरकार और फिर मोदी जी की सरकार सबको श्रेय मिलना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “INS विक्रांत को कमीशन करने में 20-22 साल लगे हैं। अगर आप इसका इतिहास देखेंगे तो यह 1999 से शुरू होता है और कमीशन आज हुआ। लेकिन आज के प्रधानमंत्री इसका श्रेय खुद लेंगे और कहेंगे कि मैं जब 2014 में आया उसके बाद इसकी शुरुआत हुई।”
INS विक्रांत को कमीशन करने में 20-22 साल लगे हैं। अगर आप इसका इतिहास देखेंगे तो यह 1999 से शुरू होता है और कमीशन आज हुआ। लेकिन आज के प्रधानमंत्री इसका श्रेय खुद लेंगे और कहेंगे कि मैं जब 2014 में आया उसके बाद इसकी शुरुआत हुई: जयराम रमेश, कांग्रेस महासचिव प्रभारी संचार pic.twitter.com/6nJ4KbNQP6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 2, 2022
कांग्रेस नेता जयराम रमेश के बयान के बाद भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद ने पलटवार किया है। उन्होंने ट्वीट करके कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा पर एक बार फिर से राजनीती करने के लिए कांग्रेस पर भरोसा ! जयराम बाबू 8/9 साल से बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं खरीदने, दशकों से राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नहीं बनाने, राफेल को रोकने, सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने और जॉर्ज क्रॉस को बरकरार रखने का श्रेय लेते हैं!”
Trust Congress to once again to do Rajniti over Rashtriya Suraksha !
Jairam babu take credit for not procuring bullet proof jackets for 8/9 years, not building National War Memorial for decades, blocking Rafales, questioning surgical strike & retaining George’s cross !! pic.twitter.com/elX1MZS1C2
— Shehzad Jai Hind (Modi Ka Parivar) (@Shehzad_Ind) September 2, 2022
बता दें, आईएनएस विक्रांत को भारत के महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है। इसकी नींव 1999 में पड़ा था, जिसे 2022 में नौसेना को सौंपा गया है। भारत के पास यह दूसरा विमान वाहक जहाज है। आईएनएस विक्रमादित्य पहले से ही एक विमान वाहक विमान भारत के पास है। आईएनएस विक्रांत को विक्रमादित्य से अधिक ताकतवर है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज आईएनएस विक्रांत को नौसेना को समर्पित कर दिया है। अब इसको लेकर भी राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। एआईएमआईएम प्रमुख असद्दुदीन ओवैसी ने सवाल उठाया है कि प्रधानमंत्री तीसरे विमान वाहक जहाज बनाने की इजाज़त क्यों नहीं देते हैं? वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी मोदी सरकार पर भी सवाल उठाया है।
एआईएमआईएम प्रमुख असद्दुदीन ओवैसी ने आईएनएस विक्रांत के लिए नेवी को मुबारकबाद देते हुए कहा, “मैंने नेवी को मुबारकबाद दिया। INS विक्रांत स्वदेशी विमान वाहक जिसका कमीशन आज प्रधानमंत्री ने अपने हाथों से किया उसका लॉन्च 2013 में हुआ था। हमें ये भी सोचना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार तीसरे विमान वाहक की इजाजत क्यों नहीं दे रही है?” ओवैसी ने कहा, “नेवी में हमें 200 जहाज की जरूरत है हमारे पास बस 130 हैं इसकी इजाजत प्रधानमंत्री क्यों नहीं दे रहे हैं? इसकी इजाजत इसलिए नहीं दे रहे हैं क्योंकि उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को अपनी नीतियों से बर्बाद कर दिया है। उनके पास पैसे नहीं हैं।”
नेवी में हमें 200 जहाज की जरूरत है हमारे पास बस 130 हैं इसकी इजाजत प्रधानमंत्री क्यों नहीं दे रहे हैं? इसकी इजाजत इसलिए नहीं दे रहे हैं क्योंकि उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को अपनी नीतियों से बर्बाद कर दिया है। उनके पास पैसे नहीं हैं: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी pic.twitter.com/I2o1LHzrlO
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वहीं आईएनएस विक्रांत का श्रेय लेने का होड़ भी अब शुरू हो गया है। कांग्रेस महासचिव प्रभारी संचार जयराम रमेश ने कहा, “शासन में निरंतरता होती है लेकिन हमारे प्रधानमंत्री ने कभी उसको स्वीकार नहीं किया। INS विक्रांत एक बड़ी उपलब्धि है जिसकी शुरूआत 22 साल पहले हुई थी जिसमें वाजपेयी जी की सरकार, मनमोहन जी की सरकार और फिर मोदी जी की सरकार सबको श्रेय मिलना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “INS विक्रांत को कमीशन करने में 20-22 साल लगे हैं। अगर आप इसका इतिहास देखेंगे तो यह 1999 से शुरू होता है और कमीशन आज हुआ। लेकिन आज के प्रधानमंत्री इसका श्रेय खुद लेंगे और कहेंगे कि मैं जब 2014 में आया उसके बाद इसकी शुरुआत हुई।”
INS विक्रांत को कमीशन करने में 20-22 साल लगे हैं। अगर आप इसका इतिहास देखेंगे तो यह 1999 से शुरू होता है और कमीशन आज हुआ। लेकिन आज के प्रधानमंत्री इसका श्रेय खुद लेंगे और कहेंगे कि मैं जब 2014 में आया उसके बाद इसकी शुरुआत हुई: जयराम रमेश, कांग्रेस महासचिव प्रभारी संचार pic.twitter.com/6nJ4KbNQP6
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कांग्रेस नेता जयराम रमेश के बयान के बाद भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद ने पलटवार किया है। उन्होंने ट्वीट करके कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा पर एक बार फिर से राजनीती करने के लिए कांग्रेस पर भरोसा ! जयराम बाबू 8/9 साल से बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं खरीदने, दशकों से राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नहीं बनाने, राफेल को रोकने, सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने और जॉर्ज क्रॉस को बरकरार रखने का श्रेय लेते हैं!”
Trust Congress to once again to do Rajniti over Rashtriya Suraksha !
Jairam babu take credit for not procuring bullet proof jackets for 8/9 years, not building National War Memorial for decades, blocking Rafales, questioning surgical strike & retaining George’s cross !! pic.twitter.com/elX1MZS1C2
— Shehzad Jai Hind (Modi Ka Parivar) (@Shehzad_Ind) September 2, 2022
बता दें, आईएनएस विक्रांत को भारत के महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है। इसकी नींव 1999 में पड़ा था, जिसे 2022 में नौसेना को सौंपा गया है। भारत के पास यह दूसरा विमान वाहक जहाज है। आईएनएस विक्रमादित्य पहले से ही एक विमान वाहक विमान भारत के पास है। आईएनएस विक्रांत को विक्रमादित्य से अधिक ताकतवर है।