गाँव से लौटे बुजुर्ग को कंधे पर रखके चल दिए राकेश टिकैत
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है। इसी बीच गाज़ीपुर बॉर्डर पर एक ऐसी तस्वीर देखने को मिली जो आमतौर पर देखने को नहीं मिलती है। यहाँ पर राकेश टिकैत एक बुजुर्ग को कंधे पर उठाते दिखे।
राकेश टिकैत ने गाज़ीपुर बॉर्डर पर मजाकिया लहजे में कहा कि हम इनको गाँव तक छोड़ने चले गए थे, लेकिन ये फिर आंदोलन में भाग लेने आ गए।
6 तारीख को होने वाले आंदोलन पर बात करते हुए टिकैत ने कहा कि ये चक्का जाम गांवों में ही किया जाएगा, दिल्ली में इसका असर देखने को नहीं मिलेगा।
‘क्या धरने पर बैठे किसान गलत हैं?’
राकेश टिकैत ने कहा कि हम कृषि कानूनों पर पिछ्ले 70 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। हमारा प्रदर्शन बिलकुल शांतिपूर्ण है, ऐसे में हम सरकार के साथ बातचीत करने के लिए भी तैयार हैं।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के राज्यसभा में ‘खून से खेती’ करने के आरोप पर राकेश टिकैत ने कहा इसका जवाब तो कांग्रेस वाले दे सकते हैं, मैंने तो राज्यसभा का बहस भी नहीं देखी है।
राकेश टिकैत से जब किसान आंदोलन में राजनेताओं के शामिल होने पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये आंदोलन पूरी तरीके से किसानों का है लेकिन अगर इसमें कोई अन्य भी शामिल होता है तो किसानों को इससे आपत्ति नहीं हैं।
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