द्रौपदी मुर्मू पर तेजस्वी यादव के बयान पर घमासान, जीतनराम मांझी ने दिलाई राबड़ी देवी की याद
सोमवार को देश अगले राष्ट्रपति के लिए मतदान होना है। लेकिन इससे पहले एनडीए गठबंधन की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को लेकर विवाद शुरू हो गया। बिहार विधानसभा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के एक बयान के बाद राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। उन्होंने द्रौपदी मुर्मू को लेकर कहा कि हमें राष्ट्रपति भवन में मूर्ति नहीं चाहिए। इसके बाद भाजपा ने तेजस्वी पर निशाना साधा है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने तेजस्वी पर दलितों का अपमान करने का आरोप लगा दिया है।
दरअसल, तेजस्वी यादव एक कार्यक्रम में शामिल होने शिवहर पहुंचे थे। यहां पत्रकारों के द्वारा तेजस्वी से जब राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने यह बातें कही हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने कभी उन्हें बोलते हुए नहीं सुना है और मुझे नहीं लगता है कि आप लोगों ने भी सुना होगा। यशवंत सिन्हा को तो आप सब ने हर जगह बोलते हुए सुना है, लेकिन जो सत्ता पक्ष से एनडीए की उम्मीदवार बनाई गई हैं, वो जब से उम्मीदवार बनी हैं, उन्होंने एक भी प्रेस वार्ता नहीं किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने तेजस्वी यादव के बयान पर पलटवार करते हुए राबड़ी देवी को रबड़ स्टाम्प मुख्यमंत्री बता दिया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि “लगभग 7 साल तक बिहार को रबड़ स्टाम्प मुख्यमंत्री देने वाले राजद नेताओं को SC/ST समाज के लोग हमेशा रबड़ स्टाम्प ही लगतें हैं। मुझे भी कुछ लोग यही समझतें थें पर परिणाम सबने देखा है। मुर्मू जी पर कमेंट करने से पहले राजद नेता अपनी शैक्षणिक योग्यता ही देख लेतें तो शायद ऐसा ना कहतें।”
लगभग 7 साल तक बिहार को रबड़ स्टाम्प मुख्यमंत्री देने वाले राजद नेताओं को SC/ST समाज के लोग हमेशा रबड़ स्टाम्प ही लगतें हैं।
मुझे भी कुछ लोग यही समझतें थें पर परिणाम सबने देखा है।
मुर्मू जी पर कमेंट करने से पहले राजद नेता अपनी शैक्षणिक योग्यता ही देख लेतें तो शायद ऐसा ना कहतें।— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) July 17, 2022
वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने भी तेजस्वी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट करके लिखा कि “एक आदिवासी महिला जो सर्वश्रेष्ठ विधायक का पुरस्कार जीत चुकी हो वह तेजस्वी यादव जी को मूर्ति नजर आती है और अपने घर की महिला जिसे शपथ ग्रहण कराने के लिए किसी और को शब्द पढ़ना पड़े तो वह विद्वान!! अनुसूचित जाति, जनजाति के विद्वान राष्ट्रपति भी बन जाए तो भी उनका अपमान।”
एक आदिवासी महिला जो सर्वश्रेष्ठ विधायक का पुरस्कार जीत चुकी हो वह @yadavtejashwi जी को मूर्ति नजर आती है और अपने घर की महिला जिसे शपथ ग्रहण कराने के लिए किसी और को शब्द पढ़ना पड़े तो वह विद्वान!!
अनुसूचित जाति, जनजाति के विद्वान राष्ट्रपति भी बन जाए तो भी उनका अपमान। pic.twitter.com/yoqIuEASjI— Dr. Sanjay Jaiswal (Modi Ka Parivar) (@sanjayjaiswalMP) July 17, 2022