“हम इंडियंस है भैया, हमें विकास नहीं इंस्टेंट विकास चाहिए” – पढ़िए कंचन गोयल का व्यंग
हम आपको ऐसी खबर के बारे में बताएंगे जिससे आपको पता चलेगा की विकास और इंस्टेंट विकास में क्या फ़र्क होता है। आम नागरिक विकास तो चाहते हैं मगर उन्हें ये लगता है कि विकास नूडल्स की तरह को इंस्टेंट हो जाए और उन्हें कोई परेशानी ना उठानी पड़े।
जब सड़क बनाने के लिए खुदाई की जाती है तो लोग परेशान हो जाते हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है ये जल्दी काम क्यों नहीं कर रहे मगर विकास को लेकर किसी को ध्यान नहीं जाता लोगों को अपना काम तो समझ में आता है मगर विकास समझ में नहीं आता और वहीं सबको सड़क स्वच्छ और बिजली , पानी को व्यवस्था पूर्ण रूप से चाहिए।
जी हां ये हम बात कर रहे हैं दिल्ली से 200 km दूर स्थित आगरा की जहां स्मार्ट सिटी योजना के तहत कई विकास कार्य चल रहे हैं। आगरा फोर्ट को ताजमहल से जोड़ने वाली सड़क पर भी काम हो रहा है। लेकिन यह विकास आगरा प्रशाशन के लिए मुश्किल बन चुका है। मुश्किलों की वजह वहां की सड़क हैं जिन पर पाइपलाइन पड़ने का काम चालू है। मगर परेशानी यह है कि वहां के लोगों ने उसे ही अपने आने जाने का रास्ता बना लिया है।
इससे जुड़ी तस्वीरें आप खुद देखकर अंदाज़ा लगा सकते हैं कि लोगों को विकास इंस्टेंट चाहिए। जहां लोगों को रास्ता नहीं मिलता तो वह पाइप्स के अंदर से निकल कर अपने काम पर जाते हैं। इससे यह पता चलता है कि इस विकास की मुहीम में लोग अपना धैर्य और सहियोग नहीं देना चाहते हैं।
तस्वीरों में नज़र आते लोग कोई स्टंट नहीं कर रहे यह लोग अपना समय बचाने के लिए और अपने दफ्तर जल्दी जाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। इस सड़क पर पुलिस को ड्यूटी के बाद भी उनके रोके से नहीं रुक रहे हैं। पुलिस की दलील यह आई है कि वह लोगों की मनमानी के आगे बेबस हैं।
फिलहाल इस समय इन पाइप्स को बंद कर दिया गया है मगर यहां सवाल यह उठता है कि पाइप्स को क्यूं बंद किया, हम अपनी सोच और विचारों का परिवर्तन करके देश को विकास शील देश बनाने के लिए अपना सहयोग से सकते हैं जिससे हमारा देश उन्नति के पथ पर अग्रसर हो।
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