सोनम वांगचुक ने पूछा सवाल, बोले- मातृभाषा में पढ़ने और सीखने की आजादी कब मिलेगी?
इंजीनियर सोनम वांगचुक दुनियाभर में अपने काम को लेकर मशहूर है। उन्होंने लद्दाख में शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन काम किया हैं। वो अपने नए-नए अविष्कारों और आइडियाज को लेकर हमेशा से जाने जाते रहे हैं।
यहां तक कि उनकी जिंदगी पर बॉलीवुड की हिट फिल्म थ्री ईडियट्स भी बनाई गई है। जिसमें उनका किरदार आमिर खान ने निभाया। आज सोनम वांगचुक ने मीडिया से बातचीत की। जिसमें उन्होंने बड़ी ही बेबाकी से सभी सवालों का जवाब दिया।
सोनम वांगचुक एक खास तरह की पोशाक पहनकर इस समिट में शामिल हुए। उन्होंने बताया कि इसके पीछे एक वजह है। वांगचुक ने कहा कि हमें हर समुदाय की पोशाक का सम्मान करना चाहिए। हम स्कूल जाने पर सवाल करना सीखते हैं। मैं सवाल यह करना चाहता हूं कि हम मुंबई में लद्दाख क्यों बना रहे हैं।
जहां बाहर 30 डिग्री सेंटिग्रेट तापमान है और हम यहां 18 डिग्री बनाकर चल रहे हैं। हम अंग्रेजों के बनाए गए माहौल को ही अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि, हम भारत में हैं, यहां 26 डिग्री तापमान सबसे बेहतर है। उन्होंने सभी दफ्तरों और होटलों से अपील करते हुए कहा कि, 26 सेंटिग्रेट तापमान से कम एयर कंडीशन ना चलाएं।
सोनम वांगचुक ने कहा कि, मैं 9 साल की उम्र में स्कूल गया। जहां मैंने कई चीजें सीखीं। लेकिन बेस्ट स्कूल वो होता है जहां बच्चों को सवाल पूछने और सीखने का तरीका सिखाया जाता हो। मेरे स्कूल में भी यही हुआ। अगर आपमें कुछ जानने की ललक है तो आपको कोई नहीं रोक सकता। आप हर चीज से सीख सकते हैं। अगर आपकी मातृभाषा मजबूत हो तो आप कोई भी भाषा आसानी से सीख सकते हैं। मैंने 6 महीने में ही कई भाषाएं सीख लीं। मैं ये पूछना चाहता हूं कि हमें ये आजादी कब मिलेगी?
सोनम वांगचुक ने क्लाइमेट चेंज को लेकर कहा कि, जब तक हम 30 डिग्री तापमान में रहने की बजाय 16 डिग्री में रहेंगे तो यही सब होगा. आज देश में बाढ़ आती है, जब मैं बाढ़ प्रभावितों के बीच था तो मैंने एक बुजुर्ग से पूछा कि आखिरी बार आपने कब बाढ़ देखी थी, तो उन्होंने बताया कि मैंने पहले कभी ऐसी बाढ़ नहीं देखी। आज हर दो साल के अंतराल में ऐसी आपदाएं आ रही हैं। इसीलिए सभी को बड़े शहरों में साधारण तरीके से जीना होगा, तभी हमारे पहाड़ स्वस्थ रहेंगे।