जिस मामले में संजय रॉउत की हुई गिरफ्तारी, जानिए क्या है पात्रा चॉल लैंड स्कैम केस?

पात्रा चॉल लैंड स्कैम केस में करीब 1034 करोड़ के घोटाले का आरोप है। ईडी के मुताबिक मुंबई पश्चिमी उपगनर के गोरेगांव में सिद्धार्थ नगर के पात्रा चॉल के 47 एकड़ जमीन पर 672 परिवारों के घरों के पुनर्विकास के लिए साल 2007 में सोसायटी द्वारा महाराष्ट्र हाउसिंग डेवलपमेंड अथॉरिटी और गुरू आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी के बीच करार हुआ था। करार के तहत गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को पात्रा चॉल को पुनर्विकसित करने का काम मिला। गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन, हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की सहायक कंपनी है। एचडीआईएल पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक में लगभग 4,300 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के संबंध में ईडी और कुछ अन्य एजेंसियों की जांच के दायरे में है।

ईडी का क्या है आरोप?

ईडी ने कहा कि गुरु आशीष ने पत्रा चॉल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए किरायेदारों और MHADA के साथ “त्रिपक्षीय समझौता” किया था। ईडी का दावा है कि समझौते के अनुसार डेवलपर को 672 किरायेदारों को फ्लैट उपलब्ध कराने थे और MHADA के लिए फ्लैट विकसित करने थे। इसके बाद, बची हुई जमीन को बेचा जाना था। प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के निदेशकों ने MHADA को गुमराह किया और और बिना फ्लैट बनाए ही यह जमीन 9 बिल्डरों को 901.79 करोड़ रुपये में बेच दी। साथ ही 672 लोगों को उनका मकान नहीं दिया गया।”

यह रकम आगे प्रवीण राउत द्वारा अपने करीबी सहयोगियों, परिवार के सदस्य, उनकी व्यावसायिक संस्थाओं के विभिन्न खातों में “डायवर्ट” की गई थी। गुरु कंस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक रहे प्रवीण राउत, संजय राउत के करीबी हैं। ईडी ने प्रवीण को फरवरी 2022 में गिरफ्तार कर लिया था। ईडी के मुताबिक पात्रा चॉल घोटाले से प्रवीण ने 95 करोड़ रुपये कमाए और वह पैसा अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को बांटा था। इसमें से करीब 83 लाख रुपये संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के खाते में आए थे। फिर 55 लाख रुपये की राशि संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत ने माधुरी राउत को वापस ट्रांसफर कर दी थी। ईडी ने आरोप लगाया है कि 2010 में, 83 लाख रुपये, जो अपराध से आय का हिस्सा था, संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को ट्रांस्फर कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने इस पैसे का इस्तेमाल दादर में एक फ्लैट खरीदने के लिए किया था।