बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई का केस SC पहुंचा, CJI बोले- करेंगे विचार
गुजरात दंगों के दौरान गैंगरेप की शिकार हुईं बिलकिस बानो के दोषियों की जेल से रिहाई का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। अदालत ने इस मामले पर सुनवाई करने की बात कही है। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा, ‘हम इस मामले की लिस्टिंग को लेकर विचार करेंगे।’ इस बीच बिलकिस बानो केस की जांच करने वाले रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी विवेक दुबे ने कहा कि 14 साल के बाद 11 दोषियों की रिहाई ने दिखाया है कि उनमें सुधार आ गया था। इसके साथ ही उन्होंने दोषियों की रिहाई का विरोध करने वालों पर भी हमला बोला है। उन्होंने कहा कि ऐसा करना संविधान की भावना के खिलाफ है।
The remission order of releasing convicts by the state government in Bilkis Bano case challenged before the Supreme Court. pic.twitter.com/mvxwWeQnyy
— ANI (@ANI) August 23, 2022
विवेक दुबे सीबीआई के जॉइंट डायरेक्टर थे, जिसने बिलकिस बानो गैंगरेप केस की जांच की थी। इस केस की जांच का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था। उनकी टीम ने ही इस मामले की जांच की थी और उसके आधार पर ही 12 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। इनमें से एक आरोपी ने आत्महत्या कर ली थी। इन लोगों में 5 पुलिस वाले और दो डॉक्टर भी शामिल थे। गुजरात दंगों के दौरान दाहोद जिले में बिलकिस बानो के परिवार के लोगों भी हत्याएं कर दी थीं। इन लोगों में सबसे छोटी बिलकिस बानो की दो साल की बेटी थी। इसी दौरान प्रेगनेंट बिलकिस बानो से गैंगरेप की घटना भी हुई थी।
बिलकिस बानो को उनके बलात्कारी यह सोचकर छोड़ भागे थे कि उनकी मौत हो गई है। लेकिन वह जिंदा थीं और होश में आने के बाद उन्होंन एक आदिवासी महिला से कपड़े मांगे थे। बता दें कि बिलकिस बानो के बलात्कारियों की रिहाई को लेकर गुजरात समेत देश के कई राज्यों में लोगों ने प्रदर्शन किए हैं। इसे लेकर विवेक दुबे ने कहा, ‘कुछ लोगों की ओर से इस मसले पर प्रदर्शन किया जाना और मीडिया में बयान देना कि यह न्याय का अपमान है, गलत बात है। यह संविधान की आत्मा के खिलाफ है और बदला लेने जैसी बात है।’