प्रदूषण के कारण दिल्ली के लोगों का जीवन अस्त व्यस्त, नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोप तेज़

दिल्ली के आम लोग का जनजीवन प्रदूषण के वजह से अस्त व्यस्त है। लोगों के स्वास्थ्य पर भी प्रदूषण का खासा असर पड़ रहा है। लेकिन दूसरी तरफ नेताओं के बीच राजनीतिक बयानबाजी चल रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसके लिए केंद्र को दोषी बताया है। उन्होंने कहा है कि दिल्ली और पंजाब को लेकर सिर्फ क्यों सवाल उठाए जा रहे हैं। जबकि हरियाणा और राजस्थान का भी हवा खराब। वहीं दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खराब होने के वजह से राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिख कर स्कूलों को बंद करने की माँग की है।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र को ठहराया दोषी

पराली जालने के वजह से दिल्ली के पर्यावरण को खासा प्रभावित कर रहा है। इसका एक कारण यह भी है कि पंजाब में पिछले साल के मुताबिक अधिक पराली जालाने की घटना सामने आई है। इस मुद्दे पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, “हमने केंद्र को सिफारिशें दीं लेकिन उन्होंने उन पर ध्यान नहीं दिया। सिर्फ दिल्ली और पंजाब को लेकर ही सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं? हरियाणा और राजस्थान के कई शहर भी खराब AQI की रिपोर्ट कर रहे हैं, केंद्र इन राज्यों पर सवाल क्यों नहीं उठा रहा है?”

किसानों से माफी मांगे केंद्र सरकार

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर राजनीति चरम पर है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, “केंद्र सरकार को अपनी गलती के लिए किसानों से माफी मांगनी चाहिए। आपकी वजह से आज पंजाब में पराली जल रही है। जब किसान तैयार थे, पंजाब सरकार तैयार थी, दिल्ली सरकार तैयार थी, अगर आपने सहयोग किया होता तो आज पंजाब में पराली की घटनाएं आधी हो चुकी होती।” बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली में सभी तरफ के निर्माण कार्यो पर रोक लगा दिया गया था। मंगलवार को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय में चल रहे निर्माण कार्यों पर 5 लाख रुपये का फाइन काटा था।

बता दें, दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से हवा की गुणवत्ता बहुत ही खराब है। आसमान में ढूंढ छाए रहते हैं। दीवाली पर पटाखो पर प्रतिबंध लगाने के बाद भी कोई खासा असर देखने को नहीं मिला है। हालांकि दिल्ली की स्थिति को सुधारने की कोशिश करने के बजाय राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप चल रहा है। प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण पराली का जलाना है लेकिन पंजाब सरकार के द्वारा ना कोई व्यवस्था किया जा रहा है और ना ही पराली जलाने वालो पर कोई करवाई किया जा रहा है।