लालू के घर में छिड़ी विरासत की जंग, तेजस्वी और मीसा के बीच कूद पड़ी रोहिणी आचार्या
राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव जब जेल में समय व्यतित कर रहे थे। तो उसी समय उनके छोटे बेटे बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर कर रहे थे। इस बीच तेजस्वी ने मज़बूती से चुनाव लड़कर आरजेडी को मज़बूत स्थिति में लाकर खड़ा किया। इस दौरान लोग राजनीति के खिलाड़ी लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री तक बनने की संभावना जताने लगे थे। साथ ही बिहार की जनता ने तेजस्वी यादव को अपना नेता मान लिया था।
लेकिन हकीकत और ही बयां करता है। फिलहाल लालू के सामने अपने घर के ही अंदर शुरू हो गई विरासत की जंग की चुनौती खड़ी है। लालू की दोनों बेटियों ने पार्टी संगठन में अपनी पकड़ बनाने के लिए मोर्चा खोल दिया है।
बीते विधानसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व तेजस्वी ने संभाला था। मगर इन चुनाव में तेजस्वी की बड़ी बहन मीसा भारती ने अपने स्तर से कई लोगों को टिकट दिलवाया था, जिनमें ज्यादातर चुनाव हार गए थे।
ऊपरी तौर पर इसका ठीकरा भले ही गठबंधन सहयोगी कांग्रेस पर फोड़ा गया, लेकिन घर के अंदर मीसा को बेहद खरी-खरी सुनाई गई थी। इसके बाद मीसा ने सांगठनिक मामलों में दखल लगभग खत्म कर दी थी। लेकिन अब एक बार फिर मीसा ने संगठन पर अपनी पकड़ बनाने की कोशिश शुरू कर दी है।
परिवार के सबसे बड़े बेटे तेजप्रताप यादव फिलहाल शांत हैं, लेकिन मीसा के अलावा एक और बहन रोहिणी आचार्य ने भी राजनीतिक सक्रियता बढ़ाते हुए संगठन में हस्तक्षेप शुरू कर दिया है। ऐसे में अब लालू के सामने अपनी सियासी विरासत के इन दावेदारों को साधकर पार्टी कैडर को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए मजबूत रखने की चुनौती खड़ी हो गई है।