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स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में वित्तपोषण को व्यापक रूप से बढ़ाने की जरूरत है- डॉ. हर्षवर्धन

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज टेक भारत 2021 के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।लघु उद्योग भारती और आईएमएस फाउंडेशन नेहेल्थटेक एवं एडुटेक क्षेत्रों के विभिन्न हितधारकों को आभासी मंच पर एक साथ लाते हुएइस संगोष्ठी (कॉनक्लेव) के दूसरे संस्करण का आयोजन किया है। टेकभारत इन क्षेत्रों मेंसाधन-संपन्न भागीदारी को पोषितकरने और विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नीति निर्माताओं, सरकार के प्रतिनिधियों, उद्योग जगत के सदस्यों, निवेशकों और स्टार्ट-अप समेत हजारों घरेलू और वैश्विक प्रतिभागियों के बीच बातचीत और विचार-विमर्श की सुविधा प्रदान कर रहा है।

अपने संबोधन में, डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि“स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में वित्तपोषण को व्यापक रूप से बढ़ाने की जरूरत है और यह सुनिश्चित करना होगा कि स्वास्थ्य सेवाओं की आपूर्ति में निष्पक्षता हो। आवश्यक दवाओं और स्वास्थ्य उपकरणों की कीमतों को कम करने के हालिया उपायों के साथ-साथ सिर्फ संपन्न लोगों के लिए बेहद चमकदारअस्पतालों की व्यवस्था करने के बजाय गरीबों के लिए सरकारी सुविधाओं में एक क्रांतिकारी सुधार सही दिशा में उठाये गये कदम हैं।”

नागरिकों के स्वास्थ्य और उनकी भलाई के प्रति सरकार की वचनबद्धता को दोहराते हुए, उन्होंने केन्द्रीय बजट 2021-22 में इस क्षेत्र के लिए अबतक कीसबसे अधिक फंडिंग की व्यवस्था के बारे में प्रकाश डाला। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि, “इस क्षेत्र के लिए बजटीय आवंटन में 137 प्रतिशत की भारी वृद्धि न केवल हमारे स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद करेगी, बल्कि यह निवारक स्वास्थ्य और समग्र कल्याण के क्षेत्रों पर भी ध्यान केंद्रित करने में सहायक होगी।”उन्होंने आगे कहा कि “इस क्षेत्र के लिए आवंटित 2.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कुल राशिइस महत्वपूर्ण मोड़ परहमारे नागरिकों के स्वस्थ जीवन को सुनिश्चित करने में देश के लिए बेहद मददगार होने के साथ – साथ भारी विकास और रोजगार के अवसरों का मार्ग प्रशस्त करने की दृष्टि से भी अहम साबित होगी।”

उन्होंने कहा कि“प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व मेंसरकार ने कोविड -19 के अभूतपूर्व समय में नागरिकों को राहत प्रदान करके न केवल अपने कर्तव्य को पूरा किया है, बल्कि आर्थिक वृद्धि और विकास को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से एक आत्मनिर्भर भारत की स्थापना के लिए एक मिशन की शुरूआत करके इस संकट को एक अवसर में बदल दिया है।”

कोविड -19 के साथ एक साल की लड़ाई के दौरान मिली सीख के केन्द्रीय बजट को आकार देने की प्रक्रिया में सहायक साबित होने के तथ्य पर जोर देते हुए, डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि “”स्वास्थ्य को देश के विकास को आगे बढ़ानेवाले प्रमुख स्तंभों में से एक के रूप में पहचाना गया है।”उन्होंने आगे कहा कि “सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को जोड़ने के उद्देश्य से सभी राज्यों और केन्द्र – शासित प्रदेशों में एकीकृत स्वास्थ्य सूचना पोर्टल का विस्तार, नई सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों का परिचालन और देश में प्रवेश के कई बिंदुओं पर स्थित मौजूदा सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों का सुदृढ़ीकरण, एक स्वास्थ्य के लिए एक राष्ट्रीय संस्थान की स्थापना के साथ-साथ 15 हेल्थ इमरजेंसीआपरेशन सेंटरोंऔर दो मोबाइल अस्पतालोंकी स्थापना, विश्व स्वास्थ्य संगठन दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र कार्यालय के लिए क्षेत्रीय अनुसंधान मंच, जैव सुरक्षा स्तर –3 की 9 प्रयोगशालाएं और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ वायरोलॉजी की तर्ज पर 4 क्षेत्रीय संस्थान की स्थापना आदि कुछ ऐसी उपलब्धियां हैं, जिनपर देश को गर्व हो सकता है।”

समग्र स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य सेवा के प्रति एक एकीकृत दृष्टिकोण की वकालत करते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि “एक और अहसास जो पिछले कुछ वर्षों में उभरा है और जिसने महामारी के दौरान गति पकड़ी है, वो यह कि अपनी जड़ों की ओर वापस लौटो औरचिकित्सा की एक ऐसी प्रणाली अपनाओ जो एक व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण का ख्याल रखे।”उन्होंने आगे कहा कि “स्वास्थ्य सेवाओंकी आपूर्ति के क्रम में आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध की हमारी पारंपरिक प्रथाओं के विज्ञान-समर्थित, अनुसंधान-आधारित लाभों को शामिल करने और एक समग्र स्वास्थ्य पैकेज के रूप में इनकासमावेश करने के लिए हमारी चिकित्सक बिरादरी को प्रोत्साहित करने की जरूरत है।”

उन्होंने आगे कहा कि “मैं मिशन पोषण 2.0 योजना के योगदानों पर प्रकाश डालना चाहूंगा जो पोषक सामग्री औरपोषण के वितरण, प्रसारएवं परिणामों को मजबूतीदेता है। यह पूरक पोषण कार्यक्रमों और पोषण अभियान का विलय करेगा और 112 आकांक्षी जिलों में पोषण से जुड़े परिणामों में सुधार के लिए आवश्यक रणनीति को अपनाने और उसे गति देने के लिए प्रस्तावित है। यह कदम स्वास्थ्य सेवा के प्रति सरकार द्वारा अपनाए गए एक समग्र दृष्टिकोण को एक फिर सेरेखांकित करता है।”

स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य योजनाओं के बारे में बताते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि“एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू जिनपर ध्यानदिया गया है,वह है भारत के नागरिकों के समग्र स्वास्थ्य को लक्षित करने वाले जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत अभियान (शहरी) का दूसरा चरण और स्वच्छ वायु पहल पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करना। इन योजनाओं को संचारी रोगों के संचरण पर अंकुश और प्रदूषण के कारण होने वाले संचारी रोगों पर रोक लगाते हुए इन रोगों के बोझ को कम करने के उद्देश्य से डिज़ाइन किया गया है।

उन्होंने कहा कि “अगले 6 वर्षों में 64,180 करोड़ रुपये के बड़े परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजनाप्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्तर की देखभाल, स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों की क्षमता को विकसित करेगी, नई एवं उभरती हुई बीमारियों कीपहचान तथा इलाज के लिए आवश्यक संस्थानों का विकास करगी और मौजूदा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को मजबूत करेगी। यह योजना 17,000 ग्रामीण और 11,000 शहरी स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों को मजबूत करेगी, सभी जिलों में एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं स्थापित करेगी और 11 राज्यों में3,382 ब्लॉक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयां, 602 जिलों मेंक्रिटिकल केयर अस्पताल ब्लॉक और 12 केंद्रीय संस्थानों कोस्थापित करेगी।”

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि “भारत2022 के लिए मेरी दृष्टि वही है जिसकी कल्पना माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी नेदेश के लिए की है। हमें एक ऐसे मजबूत औरसमृद्ध राष्ट्र के उनके सपने को साकार करने के लिए एकजुट होकर काम करना होगा, जोकि 2022 तक अंतरराष्ट्रीय जगत में अग्रणी हो। ‘न्यू इंडिया’ के लक्ष्य को पाने के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है।अगर प्रत्येक नागरिक इसप्रयास में अपना कंधा लगायेगा, तो यह लक्ष्य आसानी से हमारी पहुंच के भीतर होगा।”

टेक भारत 2021 के उद्घाटन सत्र में कर्नाटक सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. के. सुधाकर, सांसद तेजस्वी सूर्या, लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष पी. एस. श्रीकांत दत्ता और आईएमएस फाउंडेशन के चेयरमैन एच. वी. एस. कृष्णा भी उपस्थित थे।