कंबोडिया के इस बहादुर चूहे को मिल चुका है गोल्ड मेडल
हम सब ने एथलीटों के बारे में सुना हुआ है कि उन्हें अच्छे प्रदर्शन करने पर स्वर्ण पदक से नवाजा जाता है। लेकिन चूहों के बारे में अगर ऐसी बातें की जाए तो आप इस खबर पर यकिन नहीं करेंगे। लेकिन यह सच है कि कंबोडिया में एक ऐसा चूहा है जिसे उसकी बहादुरी के लिए स्वर्ण पदक दिया जा चुका है। कंबोडिया में अपने पांच साल के कैरियर में उसने 71 बारूदी सुरंगों और दर्जनों गैर-विस्फोटित वस्तुओं को सूंघा। मूल रूप से तंजानिया के सात वर्षीय चूहे को बेल्जियम की गैर लाभकारी संस्था Apopo ने ट्रेनिंग दी थी। उसका कहना है कि मगावा ने अपने कैरियर के दौरान जमीन के 225,000 स्कवॉयर मीटर से सुरंगों को साफ करने में मदद की, 42 फुटबॉल पिच के बराबर।
कंबोडिया में गैर लाभकारी संस्था के प्रोग्राम मैनेजर माइकल हेमैन ने न्यूज एजेंसी से शनिवार को कहा, “71 बारूदी सुरंगों और 38 गैर-विस्फोटित आयुध की खोज के बाद ‘मगावा थोड़ा थक गया है’. उसकी हैंडलर मेलेन कहती हैं, “अब जब कि बुढापे की उम्र को पहुंच रहा है, इसलिए उसकी जरूरत का सम्मान करना जरूरी है.” हेमैन ने आगे बताया कि सबसे अच्छा है उसका रिटायर होना. शरद ऋतु में मगावा ज्यादा समय अपनी पसंद का काम करने में बिताएगा जैसे केला, मूंगफली खाना.
हेमैन ने बताया, “मगावा के पद चिह्नों पर चलना कड़ी चुनौती होगी. मगावा ‘बुहत ही असाधारण चूहा’ है. सपष्ट है कि हम उसको अभियान में याद करने जा रहे हैं.” तंजानिया की Apopo नामक संस्था 1990 से सुरंगों का पता लगाने में जानवरों को हीरो रैट्स के नाम से प्रशिक्षण दे रही है. एक साल की सख्त ट्रेनिंग के बाद जानवरों को प्रमाण दे दिया जाता है। 2016 में बहादुर चूहा बम सूंघने वाला करियर शुरू करने के लिए कंबोडिया चला गया।