दिग्गज नेता आज़म खान को तीन साल की जेल, 2019 में दिया था भड़काऊ भाषण, विधायकी सदस्यता होगी खत्म
उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और विधायक आज़म खान को न्यायालय ने बड़ा झटका दिया है। 2019 के मामले में उन्हें रामपुर न्यायालय ने तीन साल की सज़ा सुनाई है। साथ ही 2 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। एमपी एमएलए न्यायालय के इस फैसले के बाद उनकी विधायकी की सदस्यता रद्द हो सकती है। हालांकि आज़म खान के वकील ने ऊपरी अदालत में जाने की बात कही है। आज़म खान अपनी सज़ा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैं इंसाफ का कायल हूँ।
2019 के भड़काऊ भाषण मामले में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान और 2 अन्य आरोपियों को 3 साल जेल की सजा और 2000 रुपए जुर्माना लगाया गया। https://t.co/0rEfjpg4CC pic.twitter.com/32D34VKWv6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 27, 2022
साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ किये गए हेट स्पीच मामले में न्यायालय ने यह फैसला सुनाया है। साथ ही एक वीडियो में रामपुर के जिलाधिकारी को खुलेआम धमकी देते नजर आते हैं। उन्होंने उस वीडियो में कहा था कि जिलाधिकारी से जूता साफ करवाएंगे। इसी मामले में गुरुवार को आजम खां को रामपुर कोर्ट ने आईपीसी की धारा 153-ए, 505-ए और 125 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत दोषी करार दिया था। हालांकि फैसले के आने से पहले सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद किया गया था।
Samajwadi Party's senior leader Azam Khan convicted by Rampur court in a hate speech case. Quantum of sentence to be pronounced at 3 pm today.
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— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 27, 2022
आज़म खान को हेट स्पीच मामले में तीन साल की सज़ा सुनाए जाने पर राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने चुटकी लिया है। उन्होंने ट्वीट करके कहा, “हेट स्पीच में सज़ा भी होती है क्या? अब तक तो रवायत यही रही कि हेट स्पीच की श्रृंखलाएं परोस परोस कर लोग ओहदेदार होते रहे हैं। विलियम शेक्सपियर साहब से माफ़ी के साथ…’नाम’ का बड़ा फर्क पड़ता है जी….जय हिन्द।” वहीं न्यायालय के फैसले के बाद आज़म खान ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “मैं इंसाफ का कायल हूं, ये पहला स्टेप है अभी कानूनी रास्ते खुले हैं, मेरे सामने अभी कई विकल्प हैं, मेरा सारा जीवन संघर्षों से भरा है।”
हेट स्पीच में सज़ा भी होती है क्या? अब तक तो रवायत यही रही कि हेट स्पीच की श्रृंखलाएं परोस परोस कर लोग ओहदेदार होते रहे हैं…विलियम शेक्सपियर साहब से माफ़ी के साथ…'नाम' का बड़ा फर्क पड़ता है जी….जय हिन्द https://t.co/ycT8VfHEZD
— Manoj Kumar Jha (@manojkjhadu) October 27, 2022