भारत-चीन के बीच कब सुधरेंगे संबंध? विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिया जवाब, CPEC पर कही यह बात
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के संबंध काफी खराब हैं। इसे पटरी पर लाने के लिए कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन दोनों देश के बीच संबंध अभी भी सामान्य नहीं हुए हैं। इस बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि भारत-चीन संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते जब तक कि सीमा की स्थिति सामन्य नहीं होती है। उन्होंने कहा कि अगर चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति भंग करता है, तो यह संबंधों को और प्रभावित करेगा।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बेंगलुरु में कहा, “हमने अपनी स्थिति बनाए रखी है कि अगर चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति भंग करता है, तो यह हमारे संबंधों को प्रभावित करेगा। हमारे संबंध सामान्य नहीं हैं। यह तब तक सामान्य नहीं हो सकता जब तक सीमा की स्थिति सामान्य नहीं होती है।”
जयशंकर ने यह भी कहा कि बड़ी समस्या सीमा की स्थिति है और भारतीय सेना जमीन पर डटी हुई है। उन्होंने कहा, “हमने उन जगहों से पीछे हटने में काफी प्रगति की है जहां हम एलओसी के बहुत करीब थे।”
इसके अलावा एस जयशंकर ने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव पर बोलते हुए कहा, “यह हमारी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन था। तीसरा देश दूसरे देश के कब्जे वाले संप्रभु भारतीय क्षेत्र पर काम कर रहा है।”
इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत तथाकथित सीपीईसी में परियोजनाओं का दृढ़ता से और लगातार विरोध करता है जो कि भारतीय क्षेत्र में हैं जो पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है। आधिकारिक बयान में कहा गया है, “ऐसी गतिविधियां स्वाभाविक रूप से अवैध, नाजायज और अस्वीकार्य हैं, और भारत द्वारा उनके अनुसार व्यवहार किया जाएगा।”