मज़दूर से बीजेपी की विधायक बनी चांदना बाउरी के नहीं बदले तेवर, आज भी खुद ही खाना बनाकर अपनी सुरक्षा में तैनात…

आम तौर पर गाँव का प्रधान बनने पर भी नेताओं के रहन-सहन और तेवर बदल जाते हैं। लेकिन, बांकुड़ा जिले के सालतोड़ विधानसभा क्षेत्र की भाजपा विधायक चांदना बाउरी के न ही तेवर बदले और न ही रहन सहन में कोई नयापन दिखा। वह आज भी खुद ही खाना बनाकर अपनी सुरक्षा में तैनात पांच सुरक्षा बलों को भोजन करा रही हैं।
मालूम हो कि, विधानसभा चुनाव में बीजेपी के तरफ़ प्रत्याशी बनने से पहले वह परिवार चलाने के लिए कभी-कभी राजमिस्त्री पति के साथ मजदूरी भी किया करती थी। अब जबकि वह विधायक बन गई हैं फिर भी वह अपने घर का काम खुद ही कर रही हैं।
विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार बनने के बाद राज्य पुलिस की ओर से एक सुरक्षा गार्ड दिया गया था। परंतु, जिस तरह से बंगाल में भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं पर हमले होने लगे तो पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर चंदना ने भी अपनी सुरक्षा के लिए केंद्रीय गृह विभाग को आवेदन कर दिया। इसके बाद उनकी सुरक्षा के लिए केंद्रीय बल के और चार जवान पहुंच गए। ऐसे में एक गरीब के लिए पांच और लोगों का खाना तैयार करना आसान नहीं है। परंतु, चंदना को कोई पछतावा या तकलीफ नहीं है। वह खुद पांच सुरक्षा गार्डों को खाना बनाकर खिला रही हैं।
चंदना अपने परिवार के साथ मिट्टी के घर में रहती हैं। हालांकि,पक्के मकान के लिए उनके पति श्रवण बाउरी ने आवेदन किया था, लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना का पैसा नाम में गलती के कारण फंस गया। चंदना ने कहा कि हमारे पास जवानों को रखने के लिए घर नहीं है। इसलिए मैंने एक निर्माणाधीन मकान की व्यवस्था की है। जिसमें दरवाजे व खिड़कियां नहीं लगी थीं। मैंने उसमें गेट व खिड़कियां स्थापित करने के लिए चुनाव से पहले दो खिड़कियां और एक दरवाजा खरीदा था। मेरे पति ने उन्हें उस घर में लगा दिया और वे लोग उसी में रह रहे हैं। हमें सुरक्षा बलों के खाने और रहने की व्यवस्था करनी है।
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