आठ चरणों में चुनाव कराना भाजपा की साज़िश- ममता बनर्जी
बंगाल चुनाव ज्यों – ज्यों नजदीक आता जा रहा है। ममता की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही। उनके कई अपने और पार्टी के वफादारों ने भाजपा का दामन पकड़ लिया। ममता बनर्जी लगातार भाजपा पर आरोप लगाती आ रही है। अब उन्होंने सिर्फ भाजपा पर नहीं बल्कि भारत के चुनाव आयोग पर भी आरोप लगाया है।
दरअसल, ममता ने बंगाल में आठ चरणों में चुनाव कराए जाने के फैसले को लेकर सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा है कि भाजपा इस वक़्त अपनी ताकत का दुरूपयोग नहीं कर सकती। चुनाव आयोग भी भाजपा का ही साथ दे रहा है। लेकिन हम जमीन की लड़ाई लड़ने वाले लोग हैं। बंगाल के लोग भाजपा को कभी भी बंगाल में आने नहीं देंगे। बंगाल पर एक बंगाली ही राज करेगी। ममता ने साथ ही भाजपा के ऊपर जानबूझकर इतने लम्बे चरण में चुनाव कराने का आरोप लगाया है। ममता ने कहा है कि भाजपा ने सेंट्रल एजेंसियों की मदद से पैसे बंगाल में भेजे हैं।
क्या पहली बार हो रहा लम्बे चरण में चुनाव
2011 में बंगाल में 6 चरणों में चुनाव हुए थे। तब वामपंथी दलों ने इसका विरोध किया था और ममता ने चुनाव आयोग की जमकर तारीफ की थी। उसके बाद 2016 में 7 चरणों में चुनाव हुए थे।
इतने चरणों में चुनाव करवाने का कारण क्या है
बंगाल में हिंसा का एक लम्बा इतिहास है। हर चुनाव में यहाँ खुनी संघर्ष देखने को मिलता है। इस वजह से वहां पर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम रखने होते हैं, ताकि चुनावी हिंसा को रोका जा सके। यही वजह है बंगाल में अधिक चरणों में चुनाव करवाने की।